Compensation For Bhopal Gas Tragedy Survivors: भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए उचित अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर जारी अनशन अब समाप्त हो चुका है. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के आश्वासन पर सभी 10 महिलाओं ने शनिवार (31 दिसंबर) को अपना अनशन वापस ले लिया है. यह प्रदर्शन नीलम पार्क में चल रहा था.
1984 में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड कंपनी में जहरीली गैस का रिसाव हो गया था. इस गैस हादसे में हजारों लोगों की मौत हो गई थी जबकि लाखों लोग प्रभावित हुए थे. ये हादसा 1984 में 2-3 दिसंबर की रात को हुआ था. इस हादसे से पीड़ित लोगों के लिए उचित मुआवजे की मांग को लेकर 10 महिलाओं ने शुक्रवार (30 दिसंबर) को अनिश्चितकालीन निर्जला अनशन शुरू किया था.
5 संगठन कर रहे मुआवजे की मांगसत्याग्रह का नेतृत्व गैस पीड़ितों के पांच संगठनों के नेता कर रहे थे. इन संगठनों में भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा, भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा और डॉव कार्बाइड के खिलाफ बच्चे शामिल थे.
संगठनों ने कहा, "अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने संगठनों के वकील को आश्वासन दिया कि उनकी ओर से पेश किए गए सभी दस्तावेजों को उन कागजातों में शामिल किया जाएगा जिन्हें अतिरिक्त मुआवजे के लिए सुधार याचिका पर सुनवाई कर रही उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा."
29 घंटे बाद समाप्त हुआ अनशनगैस त्रासदी पीड़ितों के हक के लिए संघर्ष कर रहे पांच संगठनों ने शनिवार (31 दिसंबर) को एक बयान जारी कर कहा, "मध्य प्रदेश के भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास मंत्री ने उनकी ओर से पेश किए गए तथ्यों और आंकड़ों पर सहमति जताई है और 4 जनवरी को एक बैठक में विवरण को अंतिम रूप देने का वादा किया है."
इन संगठनों की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, "10 गैस पीड़ित महिलाओं ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारियों की ओर से दिए गए जूस पीकर अपना 29 घंटे का बिन पानी का अनशन तोड़ा."
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