नई दिल्ली: कोरोना महामारी का कहर इस साल छात्रों पर ऐसा टूटा है कि 10वीं और 12वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा ही सरकार को रद्द करनी पड़ी. कोरोना ने एक बार फिर से देश मे हाहाकार मचाया. जिस कारण बच्चों और उनकी पढ़ाई पर काफी असर हुआ है. बच्चों ने जहां तकरीबन पूरे साल ऑनलाइन ही पढ़ाई की है और अब जब एग्जाम नजदीक आए थे तो कोरोना की दूसरी लहर ने वापस से त्राहिमाम मचा दिया.


कोरोना की दूसरी लहर के कारण देश के ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. इस बार पहले जहां कोरोना को देखते हुए अप्रैल महीने में 10वीं की बोर्ड परीक्षा सरकार ने रद्द कर दी थी तो वहीं कल सीबीएसई 12वीं की परीक्षा भी सरकार ने रद्द करने का अपना फैसला सुना दिया. सीबीएससी 12वीं की बोर्ड परीक्षा कैंसिल होने पर छात्र काफी खुश हैं और सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं.


रिजल्ट को लेकर चिंता


छात्रों का साफ तौर से कहना है कि महामारी की स्थिति में एग्जाम देने जाने में बहुत खतरा था क्योंकि इंफेक्शन का कुछ नहीं पता कहां से हो जाए. हालांकि स्टूडेंट्स के मन मे रिजल्ट को लेकर भी काफी चिंता है और सबसे ज्यादा सवाल छात्रों के मन में कॉलेज एडमिशन को लेकर है. दिल्ली में पढ़ने वाली रिया जो साइंस स्ट्रीम की स्टूडेंट है, उनका कहना है, 'यह फैसला उन बच्चों के लिए ज्यादा अच्छा नहीं है जो पूरे साल मेहनत से पढ़ाई करते है लेकिन कोरोना केसे की स्थिति को देखते हुए, हमारी हेल्थ को देखते हुए फैसला सही है. अब आगे हमारे एंट्रेंस एग्जाम है तो उसमें हमे अपने आप को साबित करना होगा.'


वहीं रिजल्ट के बारे में दिल्ली की छात्रा कशिश कहती है कि हम उम्मीद कर रहे है कि जल्दी से जल्दी रिजल्ट आए ताकि आगे की प्रक्रिया शुरू हो. कॉमर्स स्ट्रीम के छात्र ऋषभ का कहना है, 'वैक्सीनेशन सब बच्चों को नहीं लग सकती थी क्योंकि बहुत बच्चे 18+ नहीं हैं और जहां तक कॉलेज एडमिशन की बात है तो डीयू में एडमिशन लेने के लिए अच्छे मार्क्स जरूरी होते हैं लेकिन इस बार क्या और कैसा प्रोसीजर रहेगा, उस के लिए कंफ्यूजन है.'


वहीं इस फैसले को स्कूल प्रिंसिपल और टीचर्स भी सराहनीय बता रहे हैं. दिल्ली के मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अलका कपूर ने बताया कि सरकार का फैसला इस वक्त की स्थिति को देखते हुए छात्रों के हित में है लेकिन छात्रों के मन में जो अभी सवाल है, वह कॉलेज एडमिशन को लेकर है, जिसके लिए भी उम्मीद है कि सरकार कुछ बेहतर फैसला करेगी. वहीं अभिभावकों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है.


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