Vice President Of India: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) ने रविवार को कहा कि एक मजबूत निष्पक्ष और स्वतंत्र न्याय प्रणाली लोकतांत्रिक मूल्यों के फलने-फूलने की सबसे सुरक्षित गारंटी है. मध्यप्रदेश के जबलपुर में  जस्टिस जे एस वर्मा स्मृति व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश में सभी को यह समझने की जरूरत है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.


धनखड़ ने कहा कि देश में सभी को यह समझने की जरूरत है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. सत्ता और उच्च पदों पर बैठे लोगों को व्यापक जनहित में इसका संज्ञान लेने और लोकतांत्रिक प्रणाली को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है.


क्यों याद किए जाएंगे जस्टिस जे एस वर्मा?
उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश के न्याय तंत्र में जस्टिस जे एस वर्मा आदर्श रूप में स्थापित हैं और कई संवेदनशील मामलों में उनके द्वारा दिये गये फैसले उनकी सोच को परिलक्षित करते हैं. उपराष्ट्रपति ने कहा कि जस्टिस वर्मा को उनके पथ-प्रदर्शक निर्णयों और विचारों के लिये सदैव याद किया जायेगा और उनके जीवन और विचार हमें और हमारे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे.


उन्होंने कहा कि जस्टिस वर्मा की न्यायिक सोच की प्रवृत्ति ने नये आयाम और कई प्रतिमान गढ़े हैं. एक अन्य कार्यक्रम में धनखड़ ने कहा कि अमर शहीद राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह की बलिदान भूमि जबलपुर में स्वयं को पाकर गर्व की अनुभूति हो रही है.


'बदल रहा है देश'
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस को वे कभी नहीं भूलेंगे. देश की आजादी में जनजातीय वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण रही है. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश के सर्वोच्च पद पर पहली बार जनजातीय वर्ग की महिला का आसीन होना प्रदर्शित करता है कि देश बदल रहा है.


उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में तोप के मुंह पर भी राजा शंकर शाह - कुंवर रघुनाथ शाह का राष्ट्र-प्रेम के साथ बलिदान उच्च प्रतिमान स्थापित करता हैं. जनजातीय वर्ग की वीरांगना रानी दुर्गावती का देश-प्रेम और लोक-कल्याणकारी शासन प्रणाली प्रेरणादायी है.


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