नई दिल्ली: उत्तरी सियाचिन में सेना का आठ सदस्यीय एक दल बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया. इनमें से चार सैनिकों और दो सिविलियन पोर्टर (सामान ढोने वाले) की मौत हो गई. दो अन्य जवान अब भी लापता हैं. इनकी तलाश के लिए सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.


सैनिकों का दल शाम करीब तीन बजे तूफान की चपेट में आया था. जिस वक्त ये हादसा हुआ उस समय यह दल गश्त पर था. सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम पर्वत श्रृंखला पर 20 हजार फीट की ऊंचाई पर है और यह दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है.





सर्दियों के मौसम में यहां जवानों का सामना अक्सर बर्फीले तूफान और भू-स्खलन से होता है. पारा भी यहां जवानों का दुश्मन बनता है और इस इलाके में तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है. सेना ने इस इलाके में एक ब्रिगेड तैनात कर रखी है, जहां कुछ चौकियां 6,400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं.


सियाचिन ग्लेशियर पर 13 अप्रैल, 1984 से ही सेना का नियंत्रण है, जब पाकिस्तानी सेना को हरा कर चोटी पर कब्जे के लिए 'ऑपरेशन मेघदूत' (एक सैन्य कार्रवाई का कूट नाम) लांच किया गया था.