नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन जारी है. आज सैकड़ों छात्रों ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर संसद भवन की तरफ मार्च करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में रोक दिया. छात्रों को फिलहाल सफदरजंग मकबरा के पास रोका गया है. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया है. एहतियातन संसद के पास के चार मेट्रो स्टेशन पर सेवा रोक दी गई. हालांकि बाद में सेवाएं बहाल कर दी गई. प्रदर्शन की वजह से रिंग रोड पर भारी जाम लगा है.


दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया, ‘‘उद्योग भवन, पटेल चौक और केंद्रीय सचिवालय के प्रवेश और निकास द्वार खुल गए हैं. इन सभी तीनों स्टेशनों पर ट्रेन रुक रही हैं. लोक कल्याण मार्ग स्टेशन के प्रवेश/निकास द्वार अभी बंद हैं और स्टेशन पर ट्रेन नहीं रुकेंगी.’’


संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जेएनयू के हजारों छात्रों ने आज नारे लगाते हुए संसद भवन की तरफ कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें विश्वविद्यालय परिसर के आधा किलोमीटर के दायरे में ही रोक दिया. दिल्ली पुलिस के पीआरओ मनदीप एस रंधावा ने कहा कि हम छात्रों से उनकी मांगों के बारे में बात करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें मना कर रहे हैं कि वे कानून अपने हाथ में न लें. लाठीचार्ज के आरोपों की हम जांच करेंगे.''



JNU के छात्र, हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं. वे अपनी मांगों की तरफ संसद का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सड़क पर उतरे हैं. उनका कहना है कि जब तक सरकार शुल्क वृद्धि वापस नहीं ले लेती है तब तक वे प्रदर्शन करते रहेंगे.


यूनिवर्सिटी के छात्र छात्रावास नियमावली के खिलाफ पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस नियमावली में छात्रावास के शुल्क में वृद्धि, ड्रेस कोड और आने-जाने का समय तय करने के नियम वाले प्रावधान हैं.


जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा, ‘‘ दिल्ली पुलिस ने संसद भवन की तरफ जा रहे शांतिपूर्ण मार्च को रोक दिया. मानव संसाधन विकास मंत्रालय, समिति गठित कर छात्रों को मूर्ख बना रहा है. जब तक बातचीत हो रही है तब तक के लिए समिति शुल्क वृद्धि को खत्म क्यों नही कर देती है? हम लोग शुल्क वृद्धि को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.’’


JNU: स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चबूतरे पर आपत्तिजनक संदेश लिखने वाले छात्रों पर कुलपति सख्त


इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तीन सदस्यीय एक समिति गठित की थी जो विश्वविद्यालय में सामान्य कार्यप्रणाली बहाल करने के तरीकों की सिफारिश करेगी. विश्वविद्यालय के छात्र अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ समिति गठित करने के बारे में मंत्रालय ने छात्रसंघ को कोई सूचना नहीं दी. प्रशासनिक अधिकारी और समिति को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए निर्वाचित छात्रसंघ से बात करनी चाहिए.’’


वहीं, एक अन्य छात्रा प्रियंका ने कहा, ‘‘ शुल्क वृद्धि को आंशिक तौर पर वापस लेकर हमें लॉलीपॉप थमाया जा रहा है. मैं अपने परिवार में पहली ऐसी लड़की हूं जो विश्वविद्यालय पहुंची हूं. मेरी तरह कई अन्य हैं. शिक्षा कुछ धनी लोगों का ही अधिकार नहीं है.’’ छात्रों ने बैनर और तख्तियां भी ले रखी हैं जिनमें ‘फीस वृद्धि वापस लो’, ‘ सभी के लिए छात्रावास सुनिश्चित करो’ और ‘सरकारी शिक्षा को बचाओ’ जैसे नारे लिखे हैं.