Delhi Police Shraddha Murder Case: दिल्ली में श्रद्धा वाकर की जघन्य हत्या के बारे में अधिक जानकारी सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस की एक जांच टीम ने रविवार को मुंबई में एक कुरियर कंपनी के मालिक गोविंद यादव से पूछताछ की. इसी कुरियर कंपनी ने श्रद्धा के प्रेमी और कथित हत्यारे आफताब का कुछ 'घरेलू सामान' मुंबई से दिल्ली पहुंचाया था. पूछताछ में कंपनी के मालिक ने कहा कि आफताब ने इस साल जून में उसकी कंपनी के माध्यम से दिल्ली के एक पते पर 20,000 रुपये में "घरेलू सामान जिसमें फ्रिज, बर्तन और कपड़े शामिल हैं" की एक खेप भेजी थी.


बता दें कि श्रद्धा और आफताब मई में मुंबई से दिल्ली आ गए थे और लिव-इन में रह रहे थे. घरेलू कलेश के बाद आफताब ने कथित तौर पर 18 मई को श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी. बाद में उसने उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया और दिल्ली के छतरपुर में अपने किराए के अपार्टमेंट में फ्रिज में रख दिया और धीरे-धीरे उन्हें अलग-अलग स्थानों फेंकता रहा. जानकारी के मुताबिक, मई महीने में श्रद्धा का कत्ल करने के बाद आफताब वसई (मुंबई) लौटा. वसई लौटकर आफताब ने घर में से कुछ सामान इकट्ठा किया और उसे अपने दिल्ली के छतरपुर वाले घर पर डिलीवर करवाया. 


तीन दिनों में 8 से अधिक लोगों के बयान दर्ज


दिल्ली पुलिस ने जांच के हिस्से के रूप में पिछले तीन दिनों में आठ से अधिक व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं. रविवार को मुंबई में दिल्ली पुलिस की एक टीम ने यूनिक पार्क सोसाइटी के अब्दुल्ला खान से पूछताछ की, जहां आफताब का परिवार रहता था. पुलिस ने रीगल अपार्टमेंट के फ्लैट की मकान मालकिन जयश्री से भी पूछताछ की, जहां आफताब और श्रद्धा 2020 में किराएदार थे.


आफताब के माता-पिता से नहीं हो पाया संपर्क


हालांकि, पुलिस अभी तक आफताब के माता-पिता से संपर्क नहीं कर पाई है, जिन्होंने श्रद्धा की हत्या का मामला सामने आने के बमुश्किल 15 दिन पहले ही अपना घर खाली कर दिया था और यूनिक पार्क छोड़ दिया था. वे लगभग 20 सालों तक यूनीक पार्क के निवासी रहे. पूछताछ के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कुरियर कंपनी के मालिक ने कहा कि वह आफताब से व्यक्तिगत रूप से कभी नहीं मिले. उन्होंने कहा, "उन्होंने अपने शिपमेंट को दिल्ली के पते पर ले जाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की थी और 20,000 रुपये का भुगतान ऑनलाइन किया था."


'पुलिस ने मांगी शिपमेंट की रसीद'


गोविंद यादव ने कहा कि जब बुकिंग की गई थी और शिपमेंट को डिलीवरी के लिए उठाया गया था, तब वह मुंबई में मौजूद नहीं थे. उन्होंने कहा, "ग्राहक से पूर्ण भुगतान प्राप्त करने के बाद पूरी प्रक्रिया मेरे कर्मचारियों ने ही नियंत्रित की थी. उन लोगों को छोड़कर जो शिपमेंट उठाते हैं और वितरित करते हैं, हम शायद ही कभी अपने ग्राहकों से व्यक्तिगत रूप से मिल पाते हैं, क्योंकि पूरा लेनदेन ऑनलाइन हो चुका होता है." यादव ने बताया कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने उसका आधार कार्ड और आफताब की खेप के लिए बनाई गई रसीद की एक प्रति मांगी थी.


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