Jyotiraditya Scindia Vs Shashi Tharoor: कोहरे के कारण उड़ानों में देरी और दिल्ली हवाई अड्डे पर अव्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने गुरुवार (18 जनवरी) को केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने सिंधिया से यात्रियों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगने की मांग की. इतना ही नहीं कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर जनता के प्रति मोदी उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया. 


सिंधिया पर हमला जारी रखते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ''मंत्री जी, अहंकार छोड़ो, जनता से माफी मांगो.'' इससे एक दिन पहले भी उड़ानों में देरी और कथित अव्यवस्था के मुद्दे पर थरूर और सिंधिया के बीच सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर वाकयुद्ध सामने आया था.


दरअसल, केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को थरूर के आरोपों का 'आर्म-चेयर' आलोचक कहकर पलटवार किया था. सिंधिया ने दावा किया था कि थरूर 'थिसॉरस (समांतर कोश) की अपनी दुनिया में खोए हुए हैं और इंटरनेट के जरिये चुनिंदा प्रेस लेखों से प्राप्त जानकारी को वह शोध समझते हैं.    


सिंधिया के पलटवार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा था कि मंत्री के लिए बेहतर होगा कि वह मुझपर टिप्पणी करने के बजाय अपना ध्यान यात्रियों की पीड़ा पर केंद्रित करें. 


सोशल मीडिया पर आरोपों की सीरीज पर ज्‍योत‍िराद‍ित्‍या का पलटवार 
इससे पहले शशि थरूर ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर 6 पोस्ट की एक सीरीज में आरोप लगाया था कि दिल्ली हवाई अड्डे पर अराजकता नागर विमानन मंत्रालय की 'उपेक्षा और अक्षमता' का परिणाम है, जो यहां विश्व के अन्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसी आधुनिक सुविधाएं स्थापित करने में विफल रहा है. 


'दो द‍िन में 80,000 यात्रियों की उड़ानें रद्द' 
थरूर ने गुरुवार को 'एक्स' पर कहा, ''कल मेरे ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया के चुनिंदा खंडन का जवाब देने की आवश्यकता नहीं है. अकेले 14 और 15 जनवरी को लगभग 80,000 यात्रियों की उड़ानें रद्द हो गईं, जबकि लाखों लोग (उड़ानों की) लगातार देरी से परेशान हो रहे हैं.''  


उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर रन-वे का रखरखाव कार्य महत्वपूर्ण होता है, लेकिन दिल्ली हवाई अड्डे पर 'सीएटी-3 बी' रन-वे का मरम्मत कार्य सितंबर 2023 में शुरू किया गया. थरूर ने सवाल उठाया कि ये रखरखाव कार्य इससे पहले क्यों शुरू नहीं किया गया, अगर ऐसा किया गया होता तो ये कार्य सर्दियों से पहले पूरा हो जाता. उन्होंने इसे मंत्रालय की असफलता करार दिया.


'क्रेन पर निर्णय लेने में सरकार को लगा 2 हफ्ते का समय' 
सिंधिया के इस तर्क पर कि क्रेन का उपयोग एक अन्य अहम परियोजना - द्वारका एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए किया जा रहा था, थरूर ने कहा, ''वाह, आपके मंत्रालय का ध्यान आखिरकार रन-वे पर 'क्रेन की अहमियत' की तरफ गया. रन-वे में बाधा डालने वाली क्रेन पर निर्णय लेने के लिए आपकी सरकार ने लगभग दो सप्ताह तक इंतजार क्यों किया? क्रेन के एसओपी के उल्लंघन का मामला 5  जनवरी को संज्ञान में लाए जाने के बावजूद 17 जनवरी को आपकी तरफ से इस निर्णय को ट्वीट किए जाने तक कोई कार्रवाई नहीं की गई या घोषणा नहीं की गई.''    


3 दिनों के भीतर बदला 50 उड़ानों का मार्ग  
कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि डीजीसीए चाहे कितने भी 'अप्रभावी' कारण बताओ नोटिस जारी कर ले, पायलट की भारी कमी, बार-बार उड़ान परिवर्तन और भारतीय यात्रियों के लिए निरंतर पीड़ा ही वास्तविकता है. उन्होंने कहा, ''सीएटी-3 प्रशिक्षित पायलट की कमी के कारण 29 दिसंबर, 2023 को 3 दिनों के दौरान 50 उड़ानों का मार्ग परिवर्तित किया गया.'' 


'आवंट‍ित 403 मार्गों पर शुरू नहीं हुआ परिचालन' 
थरूर ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ''बीजेपी सरकार के दौरान असफल 'उड़ान' योजना पर हजारों करोड़ रुपये बर्बाद किये गये हैं. 7 सालों के बाद, 493 सब्सिडी वाले मार्गों में से केवल 225 (लगभग 47 फीसदी) पर ही संचालन हो रहा है. सरकार उन 403 अन्य मार्गों पर भी विचार नहीं कर रही है, जिन्हें आवंटित किया गया था, लेकिन परिचालन ही शुरू नहीं हो सका.'' 


'एयरपोर्ट्स संख्या डबल करने का दावा मनगढ़ंत' 
उन्होंने आरोप लगाया कि हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी करने का दावा आपकी बार-बार दोहराई जाने वाली सबसे मनगढ़ंत बातों में से एक है. कांग्रेस नेता ने कहा, ''वर्ष 2014 के दौरान भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की वार्षिक रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में पहले से ही 125 हवाई अड्डे थे. 10 साल में आप सिर्फ 20 हवाई अड्डे ही जोड़ पाए हैं. इसकी तुलना में, 2004 से 2014 तक, यूपीए सरकार ने 35 हवाई अड्डे जोड़े.'' 


'स‍िंध‍िया पर लगाया मोदी सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाने का आरोप' 
 थरूर ने कहा, ''प्रिय सिंधिया, यह अफसोस की बात है कि पाला बदलने के बाद आपने जनता के प्रति मोदी सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया अपना लिया. जैसा कि राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान कहा है कि साफ है कि लोगों की पीड़ा इस सरकार की पीड़ा नहीं है.'' सिंधिया लंबे समय तक कांग्रेस में थे और राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे. उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के साथ मतभेदों के बाद पार्टी छोड़ दी और 2020 में बीजेपी में शामिल हो गए थे.  


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