Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास में लगे मुख्य विपक्षी नेताओं की बैठकों का सिलसिला जारी है. अब एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) गुरुवार (13 अप्रैल) को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की. ये मुलाकात दिल्ली में खरगे के आवास पर हुई.


इस बैठक के बाद खरगे ने ट्वीट किया, "एक साथ मजबूत, हम अपने लोगों के बेहतर, उज्जवल और समान भविष्य के लिए एकजुट हैं. आज राहुल गांधी के साथ एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की और भविष्य को लेकर चर्चा की." ये बैठक करीब 40 मिनट तक चली. राहुल गांधी ने कहा, "हम सब यूनाइटेड हैं, विपक्ष एकजुट है. मल्लिकार्जुन खरगे और शरद पवार जी ने कहा है कि विपक्ष को एक करने की एक प्रक्रिया चालू हुई है. हम सब पार्टियां इस प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध हैं." 


"शरद पवार ने हमारा मार्गदर्शन किया"


खरगे ने कहा कि मुझे खुशी है कि शरद पवार मुंबई से हमसे मिलने आए और हमारा मार्गदर्शन किया. कल मैंने और राहुल गांधी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ बातचीत की थी कि हम देश में यूनिटी रखेंगे. आज देश में जो घटनाएं घट रही हैं, देश को बचाने के लिए, लोकतंत्र को बचाने के लिए, संविधान को सुरक्षित रखने के लिए, रोजगार, महंगाई जैसे मुद्दों से लेकर सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग तक हम एक होकर लड़ने के लिए तैयार हों. एक-एक करके हम सब से बात करेंगे. 


"सभी विपक्षी दलों से बात करेंगे"


एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हमारी सोच बिल्कुल वही है जो खरगे जी ने आपको बताई, लेकिन सिर्फ सोचने से काम नहीं चलेगा. एक प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है. ये तो बस शुरुआत है. इसके बाद, अन्य महत्वपूर्ण विपक्षी दलों- चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या अन्य, सबके साथ बातचीत की जाएगी ताकि उन्हें इस प्रक्रिया में एकीकृत करने का प्रयास किया जा सके. हाल ही में शरद पवार की ओर से अडानी पर दिए गए बयान और विपक्षी एकजुटता के मद्देनजर इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है. 


दिल्ली में विपक्षी नेताओं से मिले नीतीश कुमार


इससे पहले बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दिल्ली में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी. नीतीश कुमार ने साथ ही आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की. इन बैठकों में ये तय किया गया कि अधिक से अधिक विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने के साथ साथ देश के लिए विपक्ष का दृष्टिकोण सामने रखा जाएगा. 


पवार के बयान से मची थी हलचल


शरद पवार ने अडानी समूह से जुड़े मामले की जांच जेपीसी से कराने की विपक्ष की मांग के बीच हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति से मामले की जांच कराने की वकालत की थी. पवार ने कहा था कि जेपीसी की बदले, सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति को इस मुद्दे की जांच करनी चाहिए. उनके इस बयान को विपक्षी दलों में दरार के रूप में देखा जा रहा था.


पवार ने कहा था कि मामले की जेपीसी से जांच कराने की मांग से राकांपा सहमत नहीं है, लेकिन विपक्षी एकता के लिए उनकी पार्टी उनके रूख के खिलाफ नहीं जाएगी. इसके अलावा एनसीपी चीफ ने बुधवार को कहा था कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए, भले ही उनके अलग-अलग विचार हों. एमवीए में पवार की पार्टी के अलावा शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस शामिल हैं.


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