नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो के नए निदेशक की तलाश शुरू हो गई है. केंद्र सरकार ने इसके लिए कार्मिक मंत्रालय से कहा है कि वह योग्य उम्मीदवारों की लिस्ट बनाकर उनकी फाइलें प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे.


इस दौड़ में फिलहाल आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारी शामिल हैं. लेकिन यह भी संभव है कि पिछली बार की तर्ज पर सीबीआई का नया निदेशक लिस्ट में शामिल ही ना हो. ध्यान रहे कि सरकार को इस बारे में सुप्रीम कोर्ट को भी जवाब देना है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 16 मई को सुनवाई भी होनी है.


केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक कार्मिक मंत्रालय को निर्देश दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के जरिए सीबीआई निदेशक के पद के लिए जो गाइडलाइन दी गई है उनके अनुरूप योग्य उम्मीदवारों की लिस्ट और उनसे संबंधित जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दी जाए. जहां इन संभावित नामों को लेकर नए सीबीआई निदेशक के लिए विचार किया जाएगा.


सूत्रों के मुताबिक कार्मिक मंत्रालय ने इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से कहा है कि वे इन अधिकारियों के बारे में सारी जानकारी मुहैया करा दें. जिससे उन्हें आगे बढ़ाया जा सके. सूत्रों ने बताया कि अब तक की जानकारी के मुताबिक 1984, 1985 और 1986 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को इस लिस्ट में डाला जा रहा है.


कौन-कौन शामिल हैं इस लिस्ट में 
इसमें 1984 बैच के वाईसी मोदी, जो इस समय नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) प्रमुख के पद पर तैनात हैं. 1984 बैच के राकेश अस्थाना भी इस लिस्ट में शामिल हैं, जो इस समय बीएसएफ महानिदेशक के पद पर तैनात हैं और नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का अतिरिक्त चार्ज भी उन्हीं के पास है.


इस लिस्ट में 1985 बैच के उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रमुख एचसी अवस्थी का नाम भी है. गुजरात पुलिस के प्रमुख आशीष भाटिया का नाम भी शामिल है. आशीष भाटिया उन 3 आईपीएस अधिकारियों में शामिल हैं जिन्हें साल 2008 में गुजरात दंगों की जांच के लिए बनी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में शामिल किया गया था. इस टीम में उनके अलावा शिवानंद झा भी शामिल थे, जो उनके पहले गुजरात पुलिस के प्रमुख थे और उनके सेवानिवृत्त होने पर आशीष भाटिया ने गुजरात पुलिस प्रमुख का कार्यभार संभाला था.


इसके अलावा इस लिस्ट में 1985 बैच के महाराष्ट्र काडर के वरिष्ठ आईपीएस सुबोध जायसवाल और 1986 बैच के उत्तराखंड काडर के एम ए गणपति का नाम भी शामिल है. यह दोनों अधिकारी भी इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर ही तैनात हैं. इनमें से लगभग सारे अधिकारी इसके पहले सीबीआई में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.


केंद्र सरकार ने इसके पहले सीबीआई निदेशक पद के लिए फाइल चलाने की कोशिश की थी लेकिन तब केंद्र में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बैठक में यह कहकर आने से इनकार कर दिया था कि वह 2 मई तक पश्चिम बंगाल के चुनाव में व्यस्त हैं लिहाजा बैठक में नहीं आ सकते.


इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब-तलब भी किया था. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 16 मई को सुनवाई होनी है. माना जा रहा है कि अब पश्चिम बंगाल के चुनाव भी लगभग समाप्त हो चुके हैं और ऐसे में कार्मिक मंत्रालय की इस कार्रवाई में भी 1 सप्ताह लग ही जाएगा, तब तक पश्चिम बंगाल चुनाव का रिजल्ट भी सामने आ जाएगा.


अंतिम समय में लिस्ट में जुड़ सकते हैं कुछ और नाम 
मामले से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय जो नाम भेजेगा, कार्मिक मंत्रालय जांच परख के बाद सभी नाम प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज देगा लेकिन यह जरूरी नहीं है कि जो नाम भेजे जा रहे हैं वही फाइनल हो क्योंकि अंतिम समय पर इस लिस्ट में कुछ और नाम जोड़े जाने से इनकार नहीं किया जा सकता.


जैसा कि पिछली बार सीबीआई निदेशक के चयन के समय हुआ था और तब तमाम लोगों को दरकिनार कर मध्य प्रदेश काडर के वरिष्ठ आईपीएस ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई निदेशक बना दिया गया था.


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