नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार कोरोना टेस्ट और उसके इलाज से जुड़ी दूसरी सुविधाओं की उचित कीमत तय करे और उसकी जानकारी राज्यों को दे. राज्य केंद्र की तरफ से तय की गई सीमा के भीतर ही अपने यहां सुविधाओं की कीमत रखें. कोर्ट ने आज कोरोना का इलाज करने वाले अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरा लगाने समेत कई निर्देश जारी किए.


देश में कोरोना के इलाज में फैली अव्यवस्था और बीमारी से मरने वाले लोगों के सबको गरिमापूर्ण तरीके से न रखे जाने पर खुद ही संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनवाई शुरू की है. इस मसले पर कोर्ट ने केंद्र के अलावा पांच राज्यों- दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को नोटिस जारी किया था. हालांकि, कोर्ट ने आज जो निर्देश जारी किए हैं, वह सभी राज्यों पर लागू होंगे. आज करीब 45 मिनट तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश जारी किए हैं.




  • कोरोना का इलाज करने वाले हर हॉस्पिटल में मरीज के अलावा उसके एक करीबी को रहने की अनुमति दी जाए. सभी मरीजों के साथ आने वाले अटेंडेंट के रहने के लिए परिसर में अलग जगह तय की जाए.

  • किसी भी अस्पताल में कोरोना के संदिग्ध मरीज को वापस न लौटाया जाए.

  • कोरोना के इलाज का इलाज करने वाले हर हॉस्पिटल में हेल्प डेस्क बनाया जाएं. उपलब्ध बिस्तर और बाकी सुविधाओं की पूरी जानकारी वहां आने वाले लोगों को उपलब्ध कराई जाए.

  • सभी राज्य अपने यहां कोरोना का इलाज करने वाले सरकारी अस्पतालों में पेशेंट वार्ड समेत जरूरी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाएं.

  • सभी राज्य 7 दिनों के भीतर वरिष्ठ डॉक्टरों और विशेषज्ञों का एक पैनल बनाएं. यह पैनल कोरोना का इलाज करने वाले हर अस्पताल का हफ्ते में कम से कम एक बार निरीक्षण करे. कभी-कभी यह पैनल अस्पतालों का औचक निरीक्षण भी करे. पैनल हॉस्पिटल को व्यवस्था में सुधार के लिए जरूरी निर्देश भी दे.

  • हर हॉस्पिटल की यह जिम्मेदारी होगी कि वह अपने यहां के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखे और निरीक्षण के लिए आने वाले विशेषज्ञ पैनल को वह फुटेज सौंपे.

  • केंद्र सरकार कोरोना के टेस्ट और इलाज से जुड़ी दूसरी सुविधाओं की उचित कीमत तय करे. राज्य सरकारें केंद्र की तरफ से तय की गई सीमा के भीतर की सभी सुविधाओं की कीमत रखें.


कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात को दर्ज किया है कि केंद्र सरकार ने कोरोना के इलाज और इस बीमारी से मरने वाले लोगों के शव के गरिमापूर्ण तरीके से हैंडल किए जाने को लेकर राज्य सरकारों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं. मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी.