West Bengal Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की शिकार एक पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाई और कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. मह‍िलाओं ने कैमरे के सामने आकर पुल‍िस पर कथ‍ित आरोप लगाए हैं. एक मह‍िला ने आरोप लगाया क‍ि है कि शिकायत पर पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. पीड़‍ित महिलाओं से दुष्‍कर्म साब‍ित करने के ल‍िए मेडिकल रिपोर्ट मांगी जा रही है. 


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताब‍िक, पीड़ित महिलाओं ने कहा कि गांव की महिलाएं आगे आकर कैसे कह सकती हैं कि उनके साथ दुष्‍कर्म हुआ है. पुलिस को इस मामले में जांच करनी चाहिए. बावजूद इसके पुल‍िस महि‍लाओं से ही इसको साब‍ित करने के ल‍िए र‍िपोर्ट मांग रही है. पुल‍िस प्रशासन के इस तरह के रवैये से परेशान मह‍िलाओं के सामने प्रदर्शन करने के अलावा और कोई रास्‍ता नहीं बचा है. वह प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. 


पिछले कई द‍िनों से हो रहा संदेशखाली में प्रदर्शन  


पीड़ित महिलाओं को न्‍याय द‍िलाने के ल‍िए उनके साथ पिछले कई द‍िनों से अन्य लोग संदेशखाली में प्रदर्शन भी कर रहे हैं. यौन हिंसा का आरोप लगाने वाली एक मह‍िला ने कहा क‍ि उनके साथ दुष्‍कर्म नहीं हुआ है लेक‍िन दूसरी महिलाओं के साथ यह अपराध हुआ है. मह‍िलाओं की ओर से कई टीएमसी से जुड़े नेताओं का नाम लेकर जल्‍द उनको पुल‍िस ह‍िरासत में लेने की मांग की है.   
 
संदेशखाली मामले पर बंगाल की सियासत गरमायी 


उधर, इस मामले को लेकर बंगाल की राजनीति गरमायी हुई है. बीजेपी उत्तर 24 परगना जिले में बड़ा प्रदर्शन क‍िया है. वहीं, जिले के संदेशखाली में प‍िछले  7 द‍िनों से विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी तरह के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार घायल हो गए. 






टीएमसी ने बीजेपी के आरोपों को बताया न‍िराधार  


तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर जबरन जमीन पर कब्जा करने और महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. दूसरी तरफ टीएमसी ने इस पूरे मामले को बेबुन‍ियाद और झूठा करार द‍िया है. 


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