Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली से निलंबित टीएमसी नेता शेख शाहजहां ने नगालैंड में जारी लाइसेंस के खिलाफ 2016 और 2019 के बीच कोलकाता में एक बंदूक डीलर से तीन हथियार खरीदे थे. इस मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने संदेशखाली में बीते शुक्रवार को छापेमारी की थी. जहां पर सीबीआई को संदेशखाली में बड़ी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद हुए थे.


दरअसल, इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस का कहना है कि नगालैंड से लाइसेंस मिलने के बाद संदेशखाली कांड में आरोपी शेख शाहजहां ने जर्मनी में बनी .32 बोर की माउजर पिस्तौल, अमेरिका में बनी .32 बोर की स्मिथ वेसन रिवॉल्वर और पश्चिम बंगाल के ईशापुर में बनी गन फैक्ट्री की 30.06 बोर की राइफल खरीदी थी.


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कोलकाता पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के नेशनल डेटाबेस ऑफ़ आर्म्स लाइसेंस पोर्टल से इन नगालैंड लाइसेंसों की पहचान संख्या को वैरीफाई किया था. इसके बाद शाहजहां को कोलकाता में डीलर से हथियार और कारतूस खरीदने की भी परमिशन दी गई थी.


शाहजहां के करीबी के यहां CBI ने हथियार किए बरामद


इस दौरान पुलिस अधिकारी ने कहा कि सीबीआई द्वारा जब्त किए गए कुछ हथियार भारतीय शस्त्र अधिनियम के तहत प्रोहिबिटेड बोर श्रेणी में आते हैं, जिन्हें भारतीय आम नागरिक अपने पास नहीं रख सकते हैं. इनमें से एक चेक गणराज्य में बनी 9 एमएम पिस्टल शामिल है. वहीं, सीबीआई ने जब्त किए गए हथियारों और कारतूस की एक तस्वीर जारी की थी. हालांकि, शाहजहां द्वारा खरीदे गए तीनों हथियार नॉन प्रोहिबिटेड बोर श्रेणी के हैं. ऐसे में ये साफ नहीं होता है कि सीबीआई को वे हथियार मिले या नहीं.


वहीं, शाहजहां द्वारा खरीदे गए कुछ हथियारों के लिए उसी बंदूक की दुकान की ओर से जारी की गई रसीद को जब्त कर लिया गया है. बता दें कि, जिस घर से सीबीआई ने हथियारों की बरामदगी की है. उसके मालिक अबू तालेब शेख का अभी तक पता नहीं चल सका है.


आर्म्स डीलरों को नगालैंड के हथियार बेचने की नहीं है परमिशन


इस मामले में एक दूसरे पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भारतीय शस्त्र अधिनियम एक राज्य के स्थायी पते वाले नागरिक को गृह राज्य या केंद्रीय गृह मंत्रालय की विशेष अनुमति के बिना दूसरे राज्य में बंदूक लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं देता है. ठीक इसी तरह की खामियों में जिनकी हमने पहले जांच की थी, यह पाया गया था कि नगालैंड में बंदूक लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले कई लोगों ने अपने स्थायी पते के रूप में उस राज्य में एक स्थानीय पता दिखाया था.


पुलिस अधिकारी ने कहा कि ये मामला हमारे संज्ञान में तब आया था जब नगालैंड में एक पते को विभिन्न राज्यों के कई आवेदकों की ओर से स्थायी पते के रूप में दिखाया गया था. उन्होंने कहा कि यह बिचौलियों, बंदूक डीलरों और सरकारी अधिकारियों की ओर से चलाया जाने वाला एक अंतरराज्यीय रैकेट है. दरअसल, दिल्ली और गुजरात पुलिस अब बंदूक डीलरों को नगालैंड के लाइसेंस वाले लोगों को हथियार बेचने की अनुमति नहीं देती है.


पुलिस अधिकारी ने कहा कि शाहजहां ने इसी रैकेट के जरिए अपने लाइसेंस हासिल किए होंगे. बता दें कि, पश्चिम बंगाल में पुलिस अधिकारी बंदूक लाइसेंस जारी करने को लेकर बहुत सख्त हैं. चूंकि, 90% से अधिक आवेदन जांच के बाद खारिज कर दिए जाते हैं.


क्या है मामला?


बता दें कि, 5 जनवरी, 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम संदेशखाली में पूछताछ करने गई थी. यह टीम राशन घोटाला मामले में शेख शाहजहां से पूछताछ करने पहुंची थी. इस दौरान ED और केन्द्रीय सुरक्षा बलों की टीम पर शाहजहां के गुंडों ने हमला बोलकर उनकी गाड़ियां तोड़ दी थीं और अधिकारियों को घायल कर दिया था. इस हमले में तीन अधिकारी घायल हो गए थे. ED की टीम काफी मुश्किल से यहां से निकल पाई थी. इसके बाद इस हमले के मामले में केस दर्ज हुआ था.


वहीं, 55 दिनों तक छिपे रहने के बाद शाहजहां को 28 फरवरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जहां कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेशों के बाद पुलिस ने शाहजहां को सीबीआई को सौंप दिया. जांच एजेंसी सीबीआई आरोपी शाहजहां और दो अन्य टीएमसी नेताओं द्वारा लगाए गए जमीन पर कब्जा करने और स्थानीय महिलाओं पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की भी जांच कर रही है. फिलहाल, तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं.


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