ED Action On Vinay Shankar Tiwari: उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक और पूर्वांचल के कद्दावर नेता विनय शंकर तिवारी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी एक बड़े बैंक घोटाले के मामले में हुई है, जिसमें बैंकों को करीब 754 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया.
ईडी की जांच में सामने आया है कि मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड नाम की कंपनी ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों और गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले सात बैंकों के समूह (कंसोर्टियम) से कुल 1129.44 करोड़ रुपये की लोन सुविधा ली थी. लेकिन ये पैसे कारोबार में लगाने की बजाय दूसरी कंपनियों में घुमा दिए गए. बाद में जब बैंकों ने पैसे वापस मांगे तो रकम नहीं चुकाई गई. इससे बैंकों को 754.24 करोड़ रुपये का बड़ा घाटा हुआ.
विनय शंकर तिवारी के कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी
गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड से जुड़े दस्तावेजों और बैंक रिकॉर्ड की छानबीन के बाद ईडी ने पाया कि लोन का इस्तेमाल गलत तरीके से किया गया और कंपनियों के बीच पैसा इधर-उधर करके फर्जीवाड़ा किया गया. इसी मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के कई ठिकानों पर आज छापेमारी की थी. इसी दौरान ई डी की टीम ने लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
सपा और बसपा से जुड़े रहे तिवारी
बता दें कि विनय शंकर तिवारी, पूर्व मंत्री और पूर्वांचल के चर्चित नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं. तिवारी परिवार का नाम लंबे समय से पूर्वांचल की राजनीति और शक्ति के केंद्र के रूप में देखा जाता रहा है. विनय शंकर गोरखपुर जिले की चिल्लूपार सीट से विधायक रह चुके हैं और वे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जैसे बड़े दलों से भी जुड़े रहे हैं.
ईडी की इस कार्रवाई के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है. कुछ राजनीतिक दल इसे बदले की भावना से जुड़ा बता रहे हैं, वहीं सरकार का कहना है कि कानून सबके लिए एक समान है और जिसने भी जनता या बैंकों के साथ धोखा किया है, उस पर कार्रवाई तय है. फिलहाल विनय शंकर तिवारी को कोर्ट में पेश किया जाएगा और ईडी उन्हें रिमांड पर लेकर आगे की जांच कर सकती है. आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो की उम्मीद है.
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