कन्नूर: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को केरल के कुन्नूर में सबरीमाला विवाद पर बात की. अमित शाह ने कहा कि मान्यताओं से जुड़े केस में कोर्ट ऐसे फैसले दे जिनका पालन हो सके. शाह ने कहा कि सरकार और कोर्ट को ऐसे फैसले नहीं सुनाने चाहिए, जिनका पालन न करवाया जा सके और जो आस्था से जुड़े हों. उन्होंने कहा कि केरल की वाम सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के नाम पर श्रद्धालुओं की भावनाओं से खेल रही है और वामपंथी सरकार प्रदर्शनों को ताकत के बल पर दबाना चाहती है. शाह ने आगे कहा कि किसी मंदिर में दर्शन करने से स्त्री-पुरुष समानता नहीं आती.
जिला बीजेपी दफ्तर का उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि प्रदेश सरकार श्रद्धालुओं के प्रदर्शन को चुनौती देने के लिये पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं समेत प्रदेश भर में सभी वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 2000 से ज्यादा श्रद्धालुओं की गिरफ्तारी की भी आलोचना की. अपने संबोधन की शुरुआत ‘स्वामी शरणम अयप्पा’ के मंत्र से करते हुए उन्होंने कहा कि अगर विरोध प्रदर्शनों को दबाया जाना जारी रहा तो मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को ‘‘भारी कीमत’’ चुकानी होगी.
विजयन को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का विरोध प्रदर्शन को दबाना ‘‘आग से खेलने’’ के समान है. शाह ने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले के क्रियान्वयन के नाम पर मुख्यमंत्री को बर्बरता बंद करनी चाहिए.’’ शाह ने कहा, यहां तक कि प्रदेश में महिलाएं भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन के खिलाफ हैं.
बीजेपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि वामपंथी सरकार सबरीमला मंदिर को ‘‘बर्बाद’’ करने की कोशिश कर रही है और उनकी पार्टी माकपा के नेतृत्व वाली सरकार को हिंदु धर्म को दांव पर नहीं लगाने देगी. शाह ने आगे कहा, ‘‘किसी भी दूसरे अयप्पा मंदिर में महिलाओं के पूजा करने पर कोई पाबंदी नहीं है.सबरीमाला मंदिर की विशिष्टता को बचाए रखना चाहिए.’’
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कम्युनिस्ट सरकार मंदिरों के खिलाफ साजिश रच रही है. उन्होंने केरल में आपातकाल जैसी स्थिति बना दी है.’’ वामपंथी सरकार के पूर्व के कई अदालती आदेशों को लागू न किये जाने को याद करते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में अदालत के आदेश का क्रियान्वयन लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए.