पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर 50-50 सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत बीजेपी-जेडीयू में सहमति बन गई है. इसके बाद से एनडीए के राज्य में अन्य सहयोगी दलों में तनाव का माहौल देखा जा रहा है. आरएलएसपी के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर निशाना भी साधा है. ऐसे में अब खबर दूसरे सहयोगी दल एलजेपी से आ रही है. सूत्रों के मुताबिक एलजेपी चीफ रामविलास पासवान 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने पर विचार कर रहे हैं.

असम से राज्यसभा जाने का है विकल्प

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ एलजेपी के भीतर इस बात पर मंथन चल रहा है कि रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजा जाए. उन्हें कहां से राज्यसभा के लिए भेजा जाएगा इन मुद्दे पर भी सहमति बन जानें की खबरें हैं. यहां मालूम हो कि 2019 में देश के केवल दो राज्यों, असम और तमिलनाडु में ही राज्यसभा की सीटें खाली हो रही हैं. वहीं, राज्यसभा से रामविलास को भेजने का सारा दारोमदार बीजेपी के कंधे पर होगा क्योंकि एलजेपी के पास इन राज्यों में कोई विधायक नहीं है. ऐसे में रामविलास के असम से राज्यसभा जाने की संभावना प्रबल है, क्योंकि वहीं बीजेपी के पास राज्यसभा लायक संख्या है. तमिलनाडु में बीजेपी के पास एक भी विधायक नहीं हैं. हालांकि, एलजेपी के इस फॉर्मूले पर बीजेपी की सहमति मिलनी बाकी है.

इस केस में एलजेपी कम सीटों पर हो जाएगी राज़ी 

एलजेपी के इसी आंतरिक फॉर्मूले की वजह से पार्टी बिहार में एनडीए के सीट बंटवारे में समझौता करने को भी तैयार दिखती है. सूत्रों के मुताबिक़ अगर बीजेपी रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजने पर राज़ी होती है तो एलजेपी सीटों की अपनी मांग पर लचीला रुख़ अपनाने को भी तैयार हो जाएगी. पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने इस बात के संकेत भी दिए हैं. चिराग पासवान ने एबीपी न्यूज़ से कहा- "पार्टी के तौर पर तो हम पिछली बार की तरह ही 7 सीटें लड़ना चाहते हैं लेकिन गठबंधन के भीतर जेडीयू के रूप में एक नई पार्टी और नीतीश कुमार के रूप में एक बड़ा चेहरा आया है, इसलिए गठबंधन के हित को ध्यान में रखते हुए हमें थोड़े बहुत समझौते करने पड़े तो हम तैयार हैं".

पासवान का ज़्यादा उपयोग करना चाहती है पार्टी

सूत्रों के मुताबिक़ रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजने की 2 प्रमुख वजहें हो सकती हैं. पहली वजह है रामविलास पासवान की सेहत. लन्दन में पिछले साल हार्ट सर्जरी करवाने के बाद से ही रामविलास की सेहत में उतार चढ़ाव आता रहता है. दूसरी वजह है पार्टी अब रामविलास पासवान का चुनाव प्रचार में ज़्यादा फायदा लेना चाहती है. पार्टी को लगता है कि केवल एक लोकसभा क्षेत्र में व्यस्त रहने के चलते पासवान कहीं और खुलकर प्रचार नहीं कर पाते हैं.

2010 में पहली बार राज्यसभा सांसद बने थे पासवान

अगर रामविलास राज्यसभा के सांसद बनते हैं तो ऐसा दूसरी बार होगा. 9 बार लोकसभा का सदस्य बनने वाले रामविलास पासवान 2010 में पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने थे. हालांकि तब रामविलास केंद्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल थे.

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