S Jaishankar Slams American Media:  विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने भारत की 'पक्षपातपूर्ण' कवरेज (Biased Coverage of India) के लिए वाशिंगटन पोस्ट (The Washington Post) समेत अमेरिका के मुख्यधारा के मीडिया (Mainstream American Media) पर निशाना साधा है. प्रसिद्ध वाशिंगटन पोस्ट वाशिंगटन डीसी (Washington DC) से प्रकाशित होने वाला अमेरिकी अखबार (American Newspaper) है. वर्तमान में इसका स्वामित्व एमाजॉन (Amazon) के जेफ बेजोस (Jeff Bezos) के पास है. 


समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, जयशंकर ने रविवार को भारतीय-अमेरिकियों की एक सभा में कहा, ''मैं मीडिया को देखता हूं. आपको पता है कि कुछ अखबार हैं जिन्हें आप जानते हैं, वास्तव में, वे क्या लिखने जा रहे हैं, जिसमें इस शहर का एक समाचार पत्र भी शामिल है.'' 


भारत विरोधी ताकतों के इजाफे पर यह बोले जयशंकर


भारत विरोधी ताकतों के इजाफे पर एक सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, ''मेरा मानना है कि वे पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं, वास्तव में ऐसी कोशिशें हैं, देखिये जितना ज्यादा भारत अपने रास्ते पर जाता है और जिन लोगों को लगता है कि वे भारत के संरक्षक और इसे आकार देने वाले थे वे वास्तव में अपनी जमीन ज्यादा खो देते हैं. इनमें से कुछ विवादित चेहरे बाहर आ रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि ऐसे समूह भारत में नहीं जीत रहे हैं. ऐसे समूह बाहर से जीतने की कोशिश करेंगे या भारत को बाहर से आकार देने की कोशिश करेंगे.


अमेरिकी राजधानी में कश्मीर मुद्दे की गलत व्याख्या पर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ''अगर कोई आतंकी घटना होती है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मारा गया व्यक्ति किस धर्म का था. आप कितनी बार सुनते हैं कि लोग इस बारे में बात कर रहे हैं, इसका नाम ले रहे हैं. वास्तव में मीडिया कवरेज को देखें. मीडिया क्या कवर करता है और क्या कवर नहीं करता है? इस तरह वास्तव में राय और धारणाएं आकार लेती हैं.''


जयशंकर बोले ऐसे किया जाता है तथ्यों को पेश


जयशंकर ने कहा, ''अगर आप अनुच्छेद 370 के मामले को देखें तो यह संविधान का अस्थाई प्रावधान था, उसे आखिरकार समाप्त कर दिया गया, इसे बहुमत का कार्य माना गया. मुझे बताइये कि कश्मीर में जो हो रहा था वह बहुमत के आधार पर नहीं था? मुझे लगता है कि तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है. चीजें रखी जाती हैं. क्या गलत है क्या सही है यह भ्रम है. यह वास्तव में राजनीति का काम हैं.'' 


विदेश मंत्री ने कहा, ''हमें इसे जाने नहीं देना चाहिए. हमें इसका मुकाबला करना चाहिए. हमें शिक्षित करना चाहिए. हमें सोच को आकार देना चाहिए. यह एक प्रतिस्पर्धी दुनिया है. हमें अपने संदेशों को बाहर निकालने की जरूरत है. यही मेरा आपको संदेश है." उन्होंने कहा, ''हम अपने देश, हमारे विश्वास और यहां तक कि गलत और सही की समझ की अच्छी तरह सेवा नहीं कर रहे हैं. मुझे लगता है कि हमारे पास राय है जिसे व्यक्त करना चाहिए, हमें इसे लोगों के साथ साझा करना चाहिए, हमें दूसरों को शिक्षित करना चाहिए कि क्या सही है और क्या गलत है.''


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