S Jaishankar On China: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार (12 मई) को कहा कि पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बीच भारत को अपने पड़ोसी चीन के साथ बाकी मुद्दों के समाधान की ‘उम्मीद’ है. पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध पांचवें वर्ष में प्रवेश कर गया है, विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि द्विपक्षीय संबंधों का सामान्य होना सीमा पर शांति बनाए रखने पर निर्भर करता है.

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न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ये ‘गश्त के अधिकार’ और ‘गश्त की क्षमता’ से जुड़े हुए हैं. हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने न्यूजवीक को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत और चीन के बीच स्थिर संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे इलाके और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं.

'पड़ोसी के तौर पर हर देश एक दूसरे से अच्छे संबंध चाहता'

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मैं इसे प्रधानमंत्री के इंटरव्यू से नहीं जोड़ूंगा. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री एक बड़ी तस्वीर का नजरिया दे रहे थे और उनका बड़ी तस्वीर वाला नजरिया एक बहुत ही उचित दृष्टिकोण था, जो कि - आखिरकार, पड़ोसी के रूप में हर देश उनके साथ अच्छे संबंध चाहता है.

रिश्ते को सामान्य बनाना है तो मुद्दों को हल करना होगा- एस जयशंकर

हालांकि, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री के नजरिए को विस्तार से बताते हुए कहा कि सीमा पर मौजूदा स्थिति चीन के अपने हित में नहीं है और चीनी पक्ष को इसे पहचानना चाहिए. उन्होंने दोहराया कि कूटनीति के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है और भारत मुद्दों के समाधान के लिए चीनी पक्ष के साथ बातचीत में लगा रहता है. उन्होंने कहा, "मैं कहूंगा कि अगर रिश्ते को सामान्य बनाना है तो हमें उन मुद्दों को हल करना होगा."

'संबंधों को सामान्य रखने के लिए LAC पर शांति जरूरी'

भारतीय और चीनी सेनाएं मई 2020 से गतिरोध में लगी हुई हैं,. हालांकि कई जगहों पर विघटन हुआ है, लेकिन सीमा विवाद का समाधान अभी तक नहीं हुआ है. इस मामले में भारत सरकार ने लगातार कहा है कि दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति आवश्यक है.

2014 से ध्यान देने के कारण पैदा हुए ऐसे हालात- विदेश मंत्री

इंटरव्यू के दौरान जयशंकर ने इस सवाल का भी जवाब दिया कि भारत के इस आग्रह के बावजूद कि सीमा पर स्थिति असामान्य होने पर संबंध सामान्य नहीं हो सकते, चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा क्यों बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि साल 2014 से अपर्याप्त ध्यान देने के कारण पैदा हुआ है. विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि यह सामान्य ज्ञान है कि यदि सीमा पर शांति नहीं है तो आप सामान्य संबंध कैसे रख सकते हैं.

विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा, "आखिरकार अगर कोई आपके सामने के दरवाजे पर अभद्र तरीके से आता है तो आप वहां जाकर ऐसे व्यवहार नहीं करेंगे जैसे कि सब कुछ सामान्य है. मेरे लिए यह एक सीधा प्रस्ताव है."

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