S Jaishankar Meets Iran MEA: ईरान के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के आसपास जहाजों पर हमलों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय बताया. उन्होंने सोमवार (15 जनवरी) को कहा कि इस तरह के खतरों से भारत की ऊर्जा और आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ता है. विदेश मंत्री ने ये भी रेखांकित किया कि ये भयावह स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है.


उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन के साथ व्यापक बातचीत के बाद एक संयुक्त बयान में कहा, हाल ही में हिंद महासागर के महत्वपूर्ण हिस्से में समुद्री वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा के लिए खतरों में भी इजाफा हुआ है. एस जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि ये महत्वपूर्ण है कि इस मुद्दे का तेजी से समाधान किया जाए.


यह साफतौर पर इजरायल-हमास टकराव के बीच ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोहियों की ओर से लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाने का संदर्भ था. भारत लाल सागर में उभरती स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है.


‘भारत और ईरान दोनों चिंतित’


विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और ईरान दोनों पश्चिम एशिया में हाल की घटनाओं के बारे में चिंतित हैं और क्षेत्र में हिंसा और शत्रुता को और बढ़ने से रोकने के महत्व पर जोर देते हैं. उन्होंने कहा कि गाजा में बेहद चिंताजनक स्थिति स्वाभाविक रूप से चर्चा का विषय है. नागरिक जीवन को नुकसान, खासकर महिलाओं और बच्चों का नुकसान, हमारी प्राथमिकता थी.


उन्होंने कहा कि भारत ने खुद गाजा में राहत सामग्री पहुंचाई है और यूएनआरडब्ल्यूए को योगदान दिया है. फिलिस्तीन के मुद्दे पर, जयशंकर ने दो-राज्य समाधान के लिए भारत के लंबे समय से चले आ रहे समर्थन को दोहराया. उन्होंने कहा, मैंने सभी पक्षों को उकसाने वाली और तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचने और बातचीत और कूटनीति की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया.


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