Digital India Act: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) ने प्रस्तावित डिजिटल इंडिया अधिनियम (Digital India Act) पर पहली बार गुरुवार (10 मार्च) को बैठक की. उन्होंने इस दौरान जासूसी चश्मों (Spying Glasses) से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए संबंधित नियमों पर चर्चा की. दरअसल, बेंगलुरू में पहले विचार-विमर्श के बाद डिजिटल इंडिया अधिनियम के मसौदे को हितधारकों के साथ दो बार की और चर्चा के बाद अंतिम रूप दिया जाना है. 


राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मसौदा अप्रैल में जारी किए जाने की संभावना है और इसे अंतिम मंजूरी के लिए संसद में रखे जाने से पहले लगभग 45-60 दिनों के लिए सार्वजनिक परामर्श का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने पहली बार इस कानून की प्रमुख संरचना के संबंध में परामर्श किया है. मसौदे पर दो महीने तक व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया जाएगा. इसमें अब जासूसी चश्मे को भी जोड़ दिया गया है. इसी के तहत अब जासूसी चश्मों के लिए भी नियम बनाए जाएंगे. 


इस साल कानून लागू होने की उम्मीद 


परामर्श के लिए समयसीमा के आधार पर विधेयक का मसौदा जुलाई महीने में संसद के सामने रखे जाने की संभावना है. परामर्श के दौरान मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल कानून लागू हो जाएगा. चंद्रशेखर ने कहा कि इनोवेशन इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने, उपभोक्ताओं की सुरक्षा करने, फ्यूचर-प्रूफ और फ्यूचर-रेडी होने के लिए अगले 10 सालों के लिए कानून लागू होना चाहिए. 


'इस वक्त ऐसे कानून को लाना बेहद जरूरी'


चंद्रशेखर ने कहा, “ऐसे समय में, जब तकनीक इतनी तेजी से बाधित हो रही है. एआई (Artificial Intelligence), एआई कंप्यूट , ब्लॉकचेन जैसे बड़े विघटनकारी बदलाव हो रहे हैं. ऐसे वक्त में यह कानून लाए जाने की तैयारी है. इसलिए इस कानून को भविष्य के लिए तैयार और सुरक्षित होना चाहिए.


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