CJI  DY Chandrachud: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले 21 रिटायर्ड जजों ने भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश का आरोप लगाया है. पत्र में लिखा है, 'कुछ गुट दबाव बनाकर, गलत सूचना फैलाकर और सार्वजनिक अपमान के जरिए न्यायपालिका को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं. इसे लेकर हम अपनी साझा चिंता जाहिर करते हैं.' 


रिटायर्ड जस्टिस ने लिखा है कि हमारे संज्ञान में आया है कि संकीर्ण राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित ये तत्व ऐसी हरकतें कर रहे हैं. वे हमारे ज्यूडिशियल सिस्टम में जनता के विश्वास को कम करने की कोशिश में लगे हुए हैं.


रिटायर्ड जस्टिस के पत्र में किस पर है निशाना?


बहरहाल, इन रिटायर्ड जजों ने यह नहीं बताया है कि उन्होंने किन घटनाओं को लेकर सीजेआई को पत्र लिखा है. यह चिट्ठी भ्रष्टाचार के मामलों में कुछ विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों में जुबानी जंग का जिक्र करते हुए लिखी गई है.


पत्र में आगे लिखा गया, 'खासतौर से हम गलत सूचनाओं की रणनीति और न्यायपालिका के खिलाफ जनता की भावनाओं को भड़काने को लेकर चिंतित हैं. ऐसा करना न केवल अनैतिक है, बल्कि हमारे लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के लिए हानिकारक भी है.'


'न्याय के शासन को कमजोर करने की हो रही कोशिश'


रिटायर्ड जजों की ओर से लिखी गई चिट्ठी में इसे विस्तार से बताया गया है. इसमें कहा गया, 'कोर्ट के ऐसे फैसले जो किसी के विचारों से मेल खाते हों... उनकी प्रशंसा की जाती है. मगर, जो निर्णय उनकी सोच के खिलाफ हों... उनकी जमकर आलोचना हो रही है. ऐसा करना न्यायिक समीक्षा और कानून के शासन को कमजोर करना है.'


कौन हैं चिट्ठी लिखने वाले रिटायर्ड जज


पत्र लिखने वालों में सुप्रीम कोर्ट के 4 पूर्व जस्टिस (दीपक वर्मा, कृष्ण मुरारी, दिनेश महेश्वरी और एमआर शाह) भी शामिल हैं. इसके अलावा 17 पूर्व जस्टिस अलग-अलग हाई कोर्ट से जुड़े रहे हैं. इनमें प्रमोद कोहली, एस.एम. सोनी, अंबादास जोशी, एस.एन. धींगरा, आरके गौबा, ज्ञानप्रकाश मित्तल, अजीत भरिहोके, रघुवेंद्र सिंह राठौड़, रमेश कुमार मेरठिया, करम चंद पुरी, राकेश सक्सेना और नरेंद्र कुमार हैं. इस लिस्ट में हाई कोर्ट के पूर्व जजों राजेश कुमार, एसएन श्रीवास्तव, पीएन रवीन्द्रन, लोकपाल सिंह और राजीव लोचन के नाम भी शामिल हैं.


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