नई दिल्लीः दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी विवाद के बीच आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खाद्य एवं आपूर्ती मंत्री और विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को अब बिना 'मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना' के नाम के लागू किया जायेगा. केजरीवाल ने कहा कि हम यह योजना अपना नाम चमकाने के लिये या क्रेडिट के लिये नहीं कर रहे.


बैठक के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस महीने की 25 तारीख से दिल्ली में एक बहुत ही क्रांतिकारी योजना शुरू होने वाली थी, 'मुख्यमंत्री घर का राशन योजना'. हम जानते हैं कि सरकार गरीबों को सस्ता राशन देती है. अभी तक लोगों को राशन की दुकानों के जरिए राशन मिलता था. उन्होंने कहा कि लोगों को राशन लेने में कई तरह की तकलीफ होती थी, लंबी लंबी लाइनों में खड़े होना पड़ता था, राशन की दुकानों को पूरा महीना खुलना होता है लेकिन कई सारी दुकानें दो-तीन दिन ही खुलती है महीने में. लोगों को राशन नहीं मिल रहा है. जिन दुकानों में राशन देते हैं उसमें मिलावट करते हैं, ज्यादा पैसे लिए जाते हैं.


क्रेडिट लेना हमारा मकसद नहीं


अरविंद केजरीवाल ने कहा कि क्रेडिट लेना हमारा मकसद नहीं है. उन्होंने कहा कि 25 मार्च से इसे लागू होना था. कल दोपहर में केंद्र सरकार से हमारे पास एक चिठ्ठी आई कि यह राशन योजना आप लागू नहीं कर सकते. इससे हमें थोड़ा सा धक्का लगा क्योंकि लागू होने से 5 दिन पहले केंद्र सरकार ने इसे बंद करने को कहा. इस योजना को क्यों लागू नहीं कर सकते क्योंकि इसका नाम मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना रखा गया है. मुख्यमंत्री शब्द से शायद उन्हें आपत्ति है. हम यह योजना अपना नाम करने के लिए, अपना नाम चमकाने के लिए या क्रेडिट के लिए यह नहीं कर रहे हैं. चिट्ठी में लिखा हुआ है कि लोगों को यह लगेगा यह राज्य सरकार की योजना है. लेकिन हम यह अपने क्रेडिट के लिए नहीं कर रहे हैं. कोरोना के दौरान भी हमने कहा था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार किसी भी क्रेडिट के लिए काम नहीं कर रही है. क्रेडिट सारा उनका काम सारा हमारा, जिम्मेदारी हमारी है हम इसी सिद्धांत पर काम करते हैं.


सुबह की बैठक में लिये फैसले की जानकारी देते हुए अरविंद केजरीवाल ने बताया कि आज सुबह अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई और मैंने उनसे कहा कि इस योजना का नाम हटा दो. अब इस योजना का कोई नाम नहीं है पहले जो केंद्र सरकार से राशन आता था वह दुकानों में मिलता था. अब यह राशन घर-घर पहुंचाया जाएगा. अब इसमें कोई नाम नहीं जोड़ा जाएगा. मुझे लगता है कि इसके बाद अब केंद्र सरकार को जो भी आपत्तियां थी वह दूर हो गई होंगी और अब केंद्र सरकार इसे लागू करने की अनुमति हमें देगी.


लड़ाई राशन माफिया के खिलाफ


केजरीवाल ने कहा कि ये लड़ाई राशन माफिया के खिलाफ है. मेरे लिए राशन माफिया को दूर करके गरीबों तक राशन पहुचाना व्यक्तिगत तौर पर बहुत अहमियत रखता है. आज से 22 साल पहले राशन माफिया के साथ मेरा संघर्ष शुरू हुआ था. पहले इनकम टैक्स में नौकरी किया करता था फिर नौकरी भी छोड़ दी. दिल्ली में गरीबों के साथ झुग्गी बस्तियों में काम करना शुरू किया. झुग्गियों में काम करने के दौरान पता चला कि लोगों को राशन लेने में काफी तकलीफ होती हैं. जब RTI से कागज निकलवाये तो पता चला कि झूठे अंगूठे लगाकर राशन चोरी किया जा रहा था. गरीबों को राशन दिलाने के लिए खूब संघर्ष किया. हमारे कई कार्यकर्ताओं पर राशन माफिया ने अटैक भी किया, लेकिन हम व्यवस्था परिवर्तन नही कर पाए. किस्मत से और ऊपर वाले कि दया से दिल्ली में हमारी सरकार बन गयी और हमारे पास निर्णय लेने का अधिकार आ गया.


हमारा मकसद साफ सुथरा राशन पहुंचाना


उन्होंने कहा कि मैं पिछले 4 साल से व्यक्तिगत स्तर पर इस योजना के लिए काम कर रहा हूं. ये बहुत क्रांतिकारी योजना है, राशन माफिया बहुत स्ट्रांग है उसके चारों तरफ नेटवर्क है. मैं राशन माफिया से लड़ने की कोशिश कर रहा हूं और इस योजना को लागू करने की मशक्कत कर रहा हूं. जब 22 साल पुराना सपना पूरा होने जा रहा था तब कल केंद्र सरकार की चिट्ठी से दिल बैठ गया. अब कोई अड़चन नही आने देंगे, केंद्र सरकार की जितनी शर्तें हैं सभी शर्तें मानेंगे और जो केंद्र सरकार कहेगी वैसा करेंगे.


हमारा मकसद जनता तक ईमानदारी से साफ सुथरा राशन पहुंचाना है. अगर राशन पहुंच गया तो दिल को बहुत सुकून मिलेगा और गरीबों की दुआएं मिलेंगी. गरीबों की दुआओं से सरकार चल रही है. 22 मार्च को एक कैबिनेट की बैठक कर रहे हैं. मीटिंग में फैसला लेंगे कि इस योजना का कोई नाम नही होगा और कैबिनेट का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज देंगे और उम्मीद करते हैं कि इसमें केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा.


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