Jharkhand Violance: झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई विवादित टिप्पणी के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से मारे गए दो लोगों के परिजनों ने दावा किया कि मारे गये दोनों युवक प्रदर्शनों का हिस्सा नहीं थे. अधिकारियों ने बताया कि रांची में प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों की पहचान मोहम्मद मुदस्सिर आलम उर्फ कैफी और मोहम्मद साहिल के तौर पर की गई है. वहीं, इस घटना में करीब दो दर्जन लोग घायल हुए हैं.


उन्होंने बताया कि बीजेपी के दो निलंबित पदाधिकारियों द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार को प्रदर्शन के बाद झड़प हुई जिसमें दो लोग मारे गए. मारे गए दोनों लोगों के परिवार ने गोलीबारी और मौत की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. मुदस्सिर के पिता मोहम्मद परवेज आलम ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनके ‘‘नाबालिग’’ बेटे को गोली कैसे लगी जबकि वह प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था.


इसी साल दी थी 10वीं की परीक्षा


रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में डेली मार्केट के नजदीक रहने वाली मुदस्सिर की मां निखत परवीन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि क्यों उन्होंने मेरे इकलौते बेटे को मारा? मैं उसके बिना कैसे जिंदा रहूंगी? उसने इसी साल मैट्रिक (थी औ10वीं कक्षा) की परीक्षा दी र इस सप्ताह उसके नतीजे आने वाले थे. मुदस्सिर के चाचा मोहम्मद शाहिद आयूबी ने दावा किया कि वह मुश्किल से 16 साल का था. उन्होंने सरकार से 25 लाख रुपये का मुआजवा और परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की.


क्या बोले रिम्स के डायरेक्टर ?


सरकारी अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के जनसंपर्क अधिकारी डीके सिन्हा ने बताया कि अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक मुदस्सिर की उम्र 22 साल जबकि साहिल की उम्र 24 साल थी. उन्होंने बताया कि दोनों की इलाज के दौरान मौत हुई. घटना में गंभीर रूप से घायल आठ लोगों का अब भी रिम्स में इलाज चल रहा है. आयूबी ने कहा, ‘‘मुदस्सिर अपने पिता की फल कारोबार में मदद करता था. अब उसकी मौत हो चुकी है. बुढ़ापे में मेरे भाई और उनकी पत्नी की अब कौन देखभाल करेगा?’’


मुदस्सिर को कैसे लगी गोली ?
आयूबी बताया कि परिवार ने जिला प्रशासन और कुछ असामाजिक तत्वों के खिलाफ डेली मार्केट पुलिस थाने में रविवार को शिकायत दर्ज कराई. आयूबी ने दावा किया,‘‘पुलिस शुरुआत में हमारी शिकायत लेने को तैयार नहीं थी. हम जानना चाहते हैं कि मुदस्सिर को गोली कैसे लगी और इसके लिए कौन जिम्मेदार है.’’ साहिल के भाई शाकिब अंसारी ने भी दावा किया कि उनका भाई शुक्रवार के विरोध मार्च में शामिल नहीं था.


शाकिब ने कहा कि मेरा भाई मोहम्मद साहिल जुम्मे की नमाज के बाद कुछ काम से रांची की मुख्य सड़क पर गया था. वह प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था, लेकिन उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई.’’ साहिल के पिता मोहम्मद अफजल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बताया कि उनका बेटा डेली मार्केट स्थित मोबाइल की दुकान में काम करता था. उन्होंने कहा कि जब यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, उस समय वह दोपहर का भोजन करने घर लौट रहा था. उसका प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं था.


परिवार ने की मुआवजे की मांग
साहिल के परिवार ने डेली मार्केट पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और प्रशासन से न्याय दिलाने की मांग की है. परिवार ने मुआवजा देने की भी मांग की है. इस बीच, आरोप लगे है कि रांची में दंगा भड़काने के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से कुछ लोग आए थे. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा ने कहा, ‘‘हम इस मामले की जांच कर रहे हैं. जबतक मामले में कड़ियां जुड़ नहीं जाती, हम कुछ नहीं कह सकते.’’


प्रशासन ने रांची जिले के 12 पुलिस थानों में से हिंदपीढी और डेली मार्केट सहित छह थानों में धारा-144 (निषेधाज्ञा) लागू की है. गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा एवं निष्कासित नेता नवीन जिंदल की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई  आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.