Rambhadracharya Viral Video: संत जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने जाति सूचक शब्द के इस्तेमाल पर सफाई दी है. रामभद्राचार्य ने कहा कि उन्होंने किसी जाति के खिलाफ कुछ नहीं कहा. वह सभी वर्णों का सम्मान करते हैं. मैंने अपने बयान में किसी भी जाति की निंदा नहीं की. उनका यह वीडियो जान-बूझकर डाला गया है.


उन्होंने कहा, "मैं सभी वर्णों का सम्मान करता हूं. मैंने किसी जाति के खिलाफ कुछ नहीं कहा. मैं जिस संप्रदाय (रामानन्दाचार्य संप्रदाय) का आचार्य हूं, वह हरिजन जाति में पैदा हुए." रामभद्राचार्य ने कहा, "मैंने सिर्फ यह कहा कि जो राम विरोधी है, वो ऊंचे कुल का होकर भी हमारे लिए निंदनीय है. पर जो राम का मानने वाला है. वो किसी भी कुल में हो, हमारे लिए पूजनीय है."


'सनातन में जातिवाद नहीं'
उन्होंने कहा कि तुलसी ने तुलसी सतसई में 'च…र' शब्द कहा है पर वह जाति सूचक नहीं है. उन्होंने कहा है कि जो राम को नहीं भजता वह चमड़े का प्रेमी अर्थात् च…र है. वह किसी भी कुल का हो. उन्होंने कहा कि सनातन में जातियां हैं, लेकिन जातिवाद नहीं है. 


संत जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि हम कभी भी किसी भी वर्ण के विरोध में नहीं है. कोई वर्ण नीचे नहीं है. चारों वर्ण पूजनीय है. लोगों को कुछ नहीं मिल रहा है इसलिए मेरा विरोध कर रहे हैं. वेद में किसी भी वर्ण की निंदा नहीं की गई है.


सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
गौरतलब है कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इस वीडियो में उन्हें भगवान राम की उपासना करने की बात करते हुए जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता. वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और रामभद्राचार्य की गिरफ्तारी की मांग होने लगी है. 


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