Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल बीजेपी पर हमलावर है. विपक्षी दल कह रहे हैं कि बीजेपी लोकसभा चुनाव को देखते हुए समारोह का इस्तेमाल कर रही है. इस बीच बुधवार (10 जनवरी) को कांग्रेस ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी समारोह में शामिल नहीं होंगे. 


कांग्रेस ने समारोह में शामिल नहीं होने का कारण बताया कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) का आयोजन है. अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है. इसको लेकर कांग्रेस के भीतर ही बयानबाजी भी शुरू हो गई है. वहीं पूरे मामले को लेकर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि ये लोग राम भगवान के विरोधी है. 


कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस की ओर से पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बयान में कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं. धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है. 


बयान में आगे कहा, ''पिछले महीने, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला.’’


कांग्रेस ने बयान में कहा, ''2019 के माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकार करते हुए लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं.’’






बीजेपी ने किया पलटवार
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है. उन्होंने कहा, ''प्रभु राम विरोधी कांग्रेस का चेहरा देश के सामने आ गया है. ये आश्चर्य नहीं है कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने कोर्ट में दस्तावेज दिया था कि भगवान राम का कोई अस्तित्व नहीं है. विपक्षी गठबंधन इंडिया ने बार-बार सनातन का अपमान किया है.'' 






साथ ही केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता हरदीप सिंह पुरी ने तंज कसते हुए कहा कि बेचारे कहां जाएंगे. फंस गए हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ''कांग्रेस का स्वभाव, चरित्र और चेहरा कभी नहीं बदल सकता. ये वही कांग्रेस है, जिसने शपथ पत्र देकर श्री राम को काल्पनिक बताया था. ये वही कांग्रेस है, जिसने वादा किया था कि हम उसी स्थान पर दोबारा बाबरी मस्जिद बनवाएंगे.''


कांग्रेस के भीतर शुरू हुई बयानबाजी
यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि मैं तो जा रहा हूं. उन्होंने कहा, ''यूपी कांग्रेस के नेता मकर संक्रांति वाले दिन सरयू में स्नान करेंगे. हम 15 को दर्शन करने जा रहे हैं. इसका 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से कोई लेना-देना नहीं है.''


कांग्रेस नेता अर्जुन मोडवाडिया ने भगवान श्री राम आराध्य देव हैं.  यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है. पार्टी को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था. 






चंपत राय का किया जिक्र
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि राम मंदिर हम लोगों के चंदे से बन रहा है. हमारे शंकराचार्य का अपमान किया जा रहा है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) कहां से धर्म का ठेका ले लिया है. पूर्व पीएम नरसिम्हा राव ने रामालय न्यास बनाया. इसमें चारों शंकराचार्य शामिल हैं. चंपत राय वीएचपी के प्रचारक हैं. राय ने जमीन का घोटाला किया है. ऐसे को प्रमुख बनाया है और वो धर्म को बांट रहा है. बीजेपी, वीएचपी और आरएसएस फूट डालो और राज करो की नीति पर चल रही है.






कौन-कौन शामिल नहीं हो रहा?
मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी के अलावा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सीताराम येचुरी भी शामिल नहीं होंगे. हाल ही में न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कार्यक्रम में नहीं जाएंगी.


ममता बनर्जी ने क्या कहा है?
तृणमूल कांग्रेस (TMC) की चीफ ममता बनर्जी ने मंगलवार (9 जनवरी) को आरोप लगाया कि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के जरिये नौटंकी कर रही है. 


उन्होंने कहा, ‘‘कल मुझसे अयोध्या में राम मंदिर पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, जैसे कि मेरे पास करने के लिए और कुछ नहीं है. मैंने कहा कि धर्म व्यक्तियों का होता है लेकिन उत्सव सभी के लिए होते हैं.’’


बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं उन उत्सवों में विश्वास करती हूं जो सभी समुदायों के लोगों को साथ लेकर चलते हैं और एकता की बात करते हैं. बीजेपी इसे (राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह) अदालत के निर्देश पर कर रही है, लेकिन नौटंकी के तौर पर यह लोकसभा चुनाव से पहले किया जा रहा है.’’


पीएम मोदी होंगे शामिल
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था और हिंदुओं के पवित्र माने जाने वाले शहर में एक मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ का वैकल्पिक भूखंड मुहैया कराने का आदेश दिया था.


इसके बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण का काम शुरू हुआ. 22 जनवरी को 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित हजारों लोग मौजूद रहेंगे.


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