Ram Mandir Pran Pratistha Ceremony: आगामी 22 जनवरी को अयोध्‍या में होने जा रहे राम मंद‍िर प्राण प्रति‍ष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश दु‍न‍िया के व‍िश‍िष्‍ट लोगों को आमंत्र‍ित क‍िया गया है. इसी कड़ी में बुधवार (10 जनवरी) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को भी 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह का निमंत्रण दिया गया है.


न्‍यूज एजेंसी एएनआई के मुताब‍िक, अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार की ओर से आरएसएस चीफ भागवत को न‍िमंत्रण द‍िया गया है.  


न‍िमंत्रण म‍िलने के बाद संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि मेरा यह सौभाग्‍य है क‍ि मुझे भव्‍य प्रसंग पर वहां प्रत्‍यक्ष उपस्‍थ‍ित‍ि दर्ज करने का अवसर म‍िला है. भगवान श्रीराम का मंद‍िर एक पूजा की और अपने अराध्‍य श्रीराम की दृष्‍ट‍ि से केवल ऐसा प्रसंग नहीं है बल्‍क‍ि इस देश की जो मर्यादा और पव‍ित्रता है, उसकी स्‍थापना पक्‍की होने का यह प्रसंग है. 


'स्‍वंत्रतता में जो 'स्‍व' है, वो हमारी मर्यादा' 


सपूर्ण देश में भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरूषोतम माना जाता है. हम स्‍वतंत्र हुए तो स्‍वंत्रतता में जो 'स्‍व' है, वो हमारी मर्यादा है. 'स्‍व' के कारण हमारा जीवन पव‍ित्र है और उसकी वजह से दुन‍ि‍या में हमारी प्रत‍िष्‍ठा है. 






'देश के घर-घर और गांव-गांव में उत्‍साह' 


उन्‍होंने कहा क‍ि उसका एक प्रगटीकरण संपूर्ण व‍िश्‍व में एक प्रकार से ये घोषणा क‍ि भारत अपने 'स्‍व' पर खड़ा हुआ है और अपने मर्याद‍ित, मर्यादा संपन्‍न जीवन से पूरे व‍िश्‍व में मांग्‍लय और शांत‍ि की प्रत‍िस्‍थापना करने को आगे बढ़ेगा. सभी लोग तो वहां आ नहीं पाएंगे, कुछ को न‍िमंत्रण म‍िला है, वो ही आप पाएंगे. लेकि‍न पूरे देश में घर-घर और गांव-गांव में इसको लेकर उत्‍साह है.  


'सालों बाद भारत के 'स्‍व' के प्रतीक का क‍िया पुनर्न‍िर्माण'  


आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इसका कारण यही है क‍ि इतने सालों के बाद पुरूषार्थ के आधार पर भारत के 'स्‍व' के प्रतीक का पुनर्न‍िर्माण हमने क‍िया है. हमारी जो द‍िशा होनी चाह‍िए थी और उसको पकड़ने का प्रयास अनेक दशकों से कि‍या जा रहा था, अब वो म‍िल गयी है और यह स्‍थाप‍ित हो गई है. 


'लोगों के मन में स्‍थाप‍ित हुआ व‍िश्‍वास'  


इससे लोगों के मन में अब व‍िश्‍वास स्‍थाप‍ित हुआ है और देश का वातावरण मंगलमय बन गया है. इस प्रसंग को देखने के ल‍िए वहां प्रत्‍यक्ष रहकर वहां पर देखेंगे, सहयोगी बनेंगे. क‍िसी जन्‍म में पुण्‍य कार्य क‍िया होगा ज‍िसका फल म‍िल रहा है. उन्‍होंने कमेटी के सदस्‍यों का आभार जताते हुए कहा कि यह तो मांग कर भी नहीं म‍िलने का अवसर जो म‍िला है. वहां पर हमारी उपस्‍थ‍िति रहेगी. 


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