Ram Gopal Yadav On Global Warming: देश में पेट्रोल-डीजल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर के करीब है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने सरकार को बड़ी सलाह दी है. रामगोपाल यादव ने गुरुवार (15 दिसंबर) को राज्यसभा में ग्लोबल वॉर्मिंग पर चर्चा करते समय पेट्रोल और डीजल की खपत पर भी चिंता जताई. 


सपा सांसद ने सरकार को पेट्रोल की राशनिंग का भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा, "घर से 100 मीटर दूर जाने के लिए भी गाड़ी का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिस तरह से सड़कों पर गाड़ियों की लाइन बढ़ती जा रही है, उससे सरकार को पेट्रोल-डीजल की खरीद पर एक लिमिट तय कर देनी चाहिए. " 


पर्यावरण से प्रयोग नहीं करने की सलाह


राज्यसभा में राम गोपाल यादव ने कहा, "एक-एक घर में 10-10 गाड़ियां खड़ी हैं. लोग पैदल नहीं चलना चाहते. किसी न किसी सरकार को यह पाबंद लगानी ही पड़ेगी कि इससे ज्यादा पेट्रोल एक दिन में आपको नहीं मिल सकता." सपा सांसद ने इस दौरान पर्यावरण को लेकर प्रयोग नहीं करने की सलाह दी. उन्होंने एक पुराना किस्सा सुनाते हुए कहा उत्तराखंड में टिहरी बांध बनाते समय जो पेड़ लगाने थे, वे झांसी में लगाए गए. उन्होंने सवाल किया, " जो पेड़ टिहरी के पर्यावरण के लिए थे, उनसे यूपी के पर्यावरण का क्या भला होगा?"


‘ग्लोबल वार्मिंग’ पर जताई गई चिंता


उच्च सदन में ‘ग्लोबल वार्मिंग’ पर चर्चा करते समय सरकार और विपक्ष ने एकजुटता दिखाई. सभी सदस्यों ने इस बात पर सहमति जताई कि इससे निपटने का दायित्व अकेले सरकार पर नहीं डाला जा सकता और समाज के हर सदस्य को अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी. डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा, "इन सब के लिए सरकार या पर्यावरण मंत्री को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे हैं. इस समस्या से निपटने का दायित्व समाज के प्रत्येक सदस्य का है. यह ऐसी समस्या है जिससे पूरे विश्व के लिए खतरा पैदा हो गया है. पूरे सदन को न केवल भविष्य बल्कि वर्तमान को लेकर भी चिंता है."


शोरशराबे की भेंट चढ़ गया शून्यकाल


गुरुवार (15 दिसंबर) को राज्यसभा का शून्यकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया. बीजेपी सांसद जहां बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे तो वहीं कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्य तवांग झड़प पर हंगामा करते दिखे. विपक्षी सांसदों ने हाईकोर्टों में नियुक्तियों में सरकार के हस्तक्षेप, सीबीआई और ईडी के दुरुपयोग, किसानों के आंदोलन से  उत्पन्न स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे.


ये भी पढ़ें- 'चीन पूर्वी सेक्टर में लांघ रहा हमारी रेडलाइन'- ओवैसी का PM मोदी पर निशाना, पूछा- संसद में क्यों नहीं हो रही चर्चा