Raksha Bandhan 2021 LIVE Updates: रक्षाबंधन का त्योहार आज, पीएम मोदी ने दी देशवासियों को शुभकामनाएं

Raksha Bandhan LIVE Updates: रक्षाबंधन का त्योहार आज देशभर में मनाया जा रहा है. माना जाता है कि भाई-बहन के प्यार के प्रतीक इस त्योहार की शुरुआत मां लक्ष्मी को राजा बलि को राखी बांधने के साथ हुई थी.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 22 Aug 2021 09:23 AM
पीएम मोदी के चेहरे वाली राखी का क्रेज

देश के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह की राखियां देखने को मिल रही हैं. बाजार में सोने-चांदी की राखियों से लेकर पीएम मोदी के चेहरे वाली राखी लोगों को खूब लुभा रही है. इन राखियों को खरीदने के लिए बाजारों में अच्छी खासी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं. 

50 साल बाद बन रहा ऐसा योग

पूरे 50 साल बाद इस बार के रक्षा बंधन पर यह चार विशिष्ट योग बन रहें हैं. ऐसे में इस रक्षा बंधन का माहात्म्य अतुलनीय है. सबसे पहले राखी भगवान श्री गणेश जी को बांधना चाहिए. उसके बाद एनी देवताओं को जैसे भगवान विष्णु, भगवान शिव,भगवान श्री कृष्ण, भगवान श्री राम, भगवान हनुमान और अपने ईष्ट देव को राखी अर्पित करें के बाद ही भाइयों को राखी बांधें.

उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी दीं शुभकामनाएं

देश के उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी देशवासियों को बधाई दी. उपराष्ट्रपति ने कहा, ''रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं! रक्षाबंधन भाई बहन के बीच असीम स्नेह और आदर के बंधन का उत्सव है. इस पावन अवसर पर हम महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा का संकल्प लें, समाज में उनके लिए एक सुरक्षित परिवेश सुनिश्चित करें.''

गृह मंत्री अमित शाह ने भी दी बधाई

रक्षाबंधन के इस मौके पर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने भी देशवासियों को बधाई दी है. उन्होंने कहा, ''समस्त देशवासियों को रक्षाबंधन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं.'' देश के उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी देशवासियों को बधाई दी. 

पीएम मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को रक्षाबंधन पर्व की बधाई दी है. अपने बधाई संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि सभी देशवासियों को रक्षाबंधन के पावन पर्व पर ढेरों शुभकामनाएं. पीएम मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी देशवासियों को बधाई दी. इस मौके पर पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं ने भी देशवासियों को शुभकानाएं दी है.

बैकग्राउंड

रक्षाबंधन पर्व भाई बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है. यह त्योहार हर साल श्रावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. बहन भाई के इस पवित्र त्योहार के दिन बहन अपने भाई को प्यार के डोर के रूप में राखी बांधती हैं. यह त्योहार प्यार का अटूट बंधन दर्शाता है. रक्षाबंधन का अर्थ ही है रक्षा के लिए बांधा गया बंधन. इसलिए बहन अपनी हर प्रकार से रक्षा के लिए अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती हैं. राखी बंधवाने के बाद भाई अपनी बहन को प्यार से पैसे या तोहफा देता है, और अपनी बहन का सदैव रक्षा करने का वचन देता है. रक्षाबंधन के की इतिहास की बात करें तो यह त्योहार सदियों पुराना है और इस त्योहार के शुरूआत की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. आज हम आपको इतिहास से रूबरू कराएंगे जिसे रक्षाबंधन का शरूआत माना जाता है.


क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन? 
माना जाता है कि राक्षस राज बलि के विनती को स्वीकार कर भगवान नारायण पाताल लोक में रहने चले गए थे. भगवान विष्णु के जाने के बाद मां लक्ष्मी काफी परेशान हो गईं. फिर उन्होंने नारायण को वापस लाने के लिए गरीब महिला का रूप लिया और राजा बलि के सामने पहुंची और उन्हे राखी बांधी. राखी बंधवाकर राजा बलि ने कहा मेरे पास आपको देने के लिए कुछ नहीं है इसपर गरीब महिला के रूप से मां लक्ष्मी अपने वास्तविक स्वरूप में आ गईं, और राजा बलि से कहा आपके पास तो स्वयं नारायण है, मैं उन्हें ही लेने आई हूं. इसके बाद भगवान विष्णु माता लक्ष्मी के साथ जाने लगे. जाते वक्त भगवान विष्णु ने राजा बलि को वरदान दिया और कहा कि वह हर साल चार महीने पाताल में आके वास करेंगे. यह चार महीने चातुर्मास के रूप में जाने जाते हैं. कहा जाता है कि मां लक्ष्मी को राजा बलि को राखी बांधने के दिन से ही रक्षाबंधन की शरूआत हुई.


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