Bharat Band: किसान संगठनों के भारत बंद के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि किसान संगठनों का भारत बंद सफल रहा. हम सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं, हम तो बात करने के लिए दस महीने से बैठे हैं. भारत बंद से लोगों को होने वाली परेशानी पर उन्होंने कहा कि किसानों की फसलें आधे रेट में बिक रही हैं. ये आम जनता की ही तो लड़ाई है. ये महंगाई के खिलाफ लड़ाई है.


राकेश टिकैत ने कहा कि अनाज पर कंपनियों का कब्जा न हो, रोटी बाजार की वस्तु न बने, ये आंदोलन उसी के लिए है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास इसका समाधान है और सरकार ही हल निकालेगी. उन्होंने किसान संगठनों की मांग को फिर से दोहराते हुए कहा कि सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को वापस ले ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गारंटी कानून बना दे, तब इसका समाधान निकलेगा.



केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की बातचीत वाली अपील पर राकेश टिकैत ने कहा कि हमें ये बता दिया जाए कि किस टेबल पर बातचीत करनी है, हम आ जाएंगे. हमारी फसल आधे रेट में बिक रही है, हम जिद कैसे छोड़ दें? सरकार ने क्या हमसे पूछ कर कानून बनाया है?


विपक्ष कमजोर है- राकेश टिकैत


राकेश टिकैत ने कहा कि विपक्ष कमजोर है क्योंकि वे कम लड़ाई लड़ते हैं. विपक्ष को मजबूत होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी जब विपक्ष में थी वो सड़कें बहुत जाम करती थी, ये (कांग्रेस) कम करते हैं. वो (बीजेपी) जब विपक्ष में थे तो भारत बंद बहुत करते थे, ये (कांग्रेस) नहीं करते. 


एबीपी न्यूज़ से बातचीत में राकेश टिकैत ने ये भी साफ कर दिया कि हम अपने मंच पर सियासत नहीं होने देंगे. हमारा आंदोलन न कमजोर था, ना है और न होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा, “जब प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री थे गुजरात के, तब वे फाइनेंशियल कमेटी के चेयरमैन थे. उन्होंने अपनी एक रिपोर्ट दी थी कि एमएसपी पर कानूनी जामा पहनाया जाना चाहिए. आज प्रधानमंत्री बन गए तो सारी चीजें खराब हो गईं?”


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