Rajya Sabha Election: आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए कर्नाटक में सीटों का गेम शुरू हो गया है. जहां एक तरफ कांग्रेस के पास अपने तीन उम्मीदवार जिताने के लिए वोटों की पूरी संख्या है. वहीं बीजेपी के पास भी अपने एक उम्मीदवार को चुनने के लिए पर्याप्त वोट हैं. हालांकि सियासी जानकारों का मानना है कि जनता दल (एस) अभी भी खतरे में है.


पार्टी को जीतने के लिए कांग्रेस या किसी स्वतंत्र उम्मीदवार की जरूरत है. जनता दल (एस) ने कर्नाटक में अपने पांचवें उम्मीदवार के तौर पर रियल एस्टेट टाइकून डी कुपेंद्र रेड्डी को मैदान में उतारा है.


जेडीएस को जीतने के लिए पांच वोट की जरूरत


कांग्रेस के पास 135 विधायक है और वह आसानी से तीन सीटें जीत सकती है, वहीं बीजेपी के पास भी 66 विधायक है और पार्टी अपने उम्मीदवार नारायण भांडागे पर 45 वोट खर्च करेगी. बीजेपी के पास 21 और जेडीएस के पास 19 वोट बचेंगे. डी कुपेंद्र रेड्डी को जीतने के लिए पांच और वोट की जरूरत होगी. 


'जेडीएस और बीजेपी बना रही है रणनीति'


कर्नाटक में चुनावी सरगर्मी के बीच कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को सोमवार के विधानसभा सत्र के बाद से राज्यसभा वोटिंग तक बेंगलरू के एक होटल में रखने का फैसला किया है. पिछले हफ्ते मीडिया से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने जेडीएस-बीजेपी के पांचवें उम्मीदवार की ओर से कांग्रेस के विधायक से संपर्क किया था.


उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि कौन किससे संपर्क कर रहा है और कौन किसे डरा रहा है. हमारे विधायक ने हमें बताया कि उन्हें कैसे प्रस्ताव मिल रहें हैं. हमें पता है कि जेडीएस और बीजेपी रणनीति बना रहे हैं. हमारे पास भी हमारी खुद की रणनीति है.


विपक्ष कर रही तोड़ने की कोशिश


शनिवार को राज्य गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि पार्टी अपने उम्मीदवारों को वोट देने के लिए विधायकों की सूची तैयार कर रही है. पार्टी रविवार को सूची तैयार करेगी और विधायकों को उसका पालन करना पड़ेगा. हमें विधायकों से शिकायत मिली है कि विपक्ष उन्हें तोड़ने की कोशिश कर रही है. अब राज्य की खूफिया पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.


कांग्रेस के विधायकों को नेतृत्व पर भरोसा नहीं


हालांकि बीजेपी ने इस बात से इनकार किया. बीजेपी प्रवक्ता नारायण गौड़ा ने कहा कि हम किसी भी विधायक को तोड़ने की कोशिश नहीं कर रहें हैं. हमारे पास अपने पहले उम्मीदवार को जीताने के लिए पर्याप्त वोट हैं. रही बात दूसरे की तो उनके लिए कुछ वोटों की जरूरत है. हम किसी से क्रॉस-वोटिंग के लिए नहीं कह रहें है. जब कोई छोटा होता है तो वोट मांगना आम है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस के विधायकों को अपने नेतृत्व पर भरोसा नहीं है. अगर कांग्रेस को वोट खोने का डर है तो यह उनके नेतृत्व में कमी को दिखाता है.


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