Jagdeep Dhankhar On Congress In Rajya Sabha : लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस बीच बजट सत्र के अंतिम दिन शनिवार (10 फरवरी 2024) को राज्यसभा में कुछ ऐसा हुआ कि सभापति जगदीप धनखड़ को कहना पड़ा, "मन किया कि तुरंत इस्तीफा दे दूं."


उच्च सदन के सदस्य जयंत चौधरी अपने दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर सदन को संबोधित कर रहे थे. उस वक्त कांग्रेस सदस्य जयराम रमेश ने कुछ ऐसी टिप्पणी की, जिसे सभापति जगदीप धनखड़ ने 'किसान पुत्र" का अपमान बताया और यहां तक कह दिया कि आप ( जयराम रमेश) सदन में रहने के योग्य नहीं हैं.


ऐसा क्या हुआ था राज्यसभा में?
दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने को लेकर उनके पोते और राज्यसभा सदस्य जयंत चौधरी जब सभापति के कहने पर बोलने के लिए खड़े हुए तो जयराम रमेश ने उन पर टिप्पणी की. कांग्रेस नेता रमेश ने कहा, "आप किधर जाना चाहते हैं?" उनका इशारा जयंत चौधरी की पार्टी के एनडीए गठबंधन में शामिल होने की ओर था.


इसी पर जगदीप धनखड़ ने पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि मैंने सुना आपने जयंत चौधरी को क्या कहा. आप इस सदन में रहने के लायक नहीं हैं. किसान पुत्र होने के नाते मुझे इससे बहुत पीड़ा पहुंची है. मैंने अपने बेटे को भी खोया है, लेकिन इतना दुख नहीं हुआ. मन किया कि तुरंत जाकर इस्तीफा दे दूं.


सभापति धनखड़ ने आगे कहा कि चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी को उनके लिखित अनुरोध पर कुछ समय सदन में देना स्वाभाविक था क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री (चौधरी चरण सिंह) किसी परिवार तक सीमित नहीं थे. कुछ लोगों का आचरण इतना छोटा था कि मैं शर्मसार हो गया. कृषक पुत्र होने के नाते मेरे मन में एक विचार तुरंत पद त्याग का भी आया. 


'किस नियम के तहत बोलने की अनुमति दी गई?'
राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को जब बोलने की अनुमति दी गई तो उन्होंने भी जयंत चौधरी के बोलने पर सवाल खड़ा किया, जिस पर जगदीप धनखड़‌ ने नाराजगी जताई. खरगे ने कहा कि जिन शख्सियतों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया, उन पर कोई वाद-विवाद नहीं है. मैं सभी को सलाम करता हूं, लेकिन यदि कोई सदस्य मुद्दा उठाना चाहता है तो आप (अध्यक्ष) पूछते हैं 'किस नियम के तहत'. मैं जानना चाहता हूं कि किस नियम के तहत उन्हें (जयंत) बोलने की अनुमति दी गई है.


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