Rajya Sabha Election 2022 Congress To Shift MLAs To Udaipur: राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक गतिविधियां जोर पकड़ती जा रही हैं. राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) ने अपने और अपने समर्थक विधायकों को उदयपुर (Udaipur) भेजने का फैसला किया है. वहीं बीएसपी (BSP) की राजस्थान इकाई ने मांग की है कि उसके टिकट पर चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को इन चुनाव में भाग लेने से रोका जाए. राज्य से राज्यसभा (Rajya Sabha ) की चार सीटों के लिए अब कुल 5 प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें कांग्रेस के तीन, बीजेपी का एक और एक निर्दलीय उम्मीदवार है. मतदान 10 जून को होगा.


कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि सभी विधायकों को उदयपुर पहुंचने के लिये कहा गया है. कुछ विधायक (MLA) आज ही उदयपुर के लिए रवाना हो रहे हैं जबकि कुछ गुरूवार को जाएंगे. कांग्रेस के साथ-साथ कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे निर्दलीय और अन्य विधायक भी उदयपुर जा रहे हैं. ये विधायक उदयपुर के उसी होटल में रुकेंगे जहां पिछले महीने कांग्रेस का नव संकल्प चिंतन शिविर हुआ था. कांग्रेस ने राज्यसभा से पहले अपने विधायकों को एक जगह रखने का फैसला मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद आया है.


राजस्थान में रिसॉर्ट पॉलिटिक्स?


सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) वर्तमान में हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य हैं और उनका कार्यकाल एक अगस्त को समाप्त होने जा रहा है. इस चुनाव में बीजेपी उनका समर्थन कर रही है. कांग्रेस ने मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतारा है जबकि बीजेपी ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवारी को उम्मीदवार बनाया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने मंगलवार को निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन देने के बीजेपी के कदम को ‘खेल’ बताते हुए कहा था कि पार्टी खरीद फरोख्त में शामिल होना चाहती है. संख्या बल के हिसाब से राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीटें और बीजेपी 71 विधायकों के साथ एक सीट आराम से जीत सकती है. दो सीटों के बाद कांग्रेस के पास 26 अधिशेष और बीजेपी के पास 30 अधिशेष वोट होंगे. 


गहलोत को हॉर्स ट्रेडिंग का शक?


राजस्थान में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 41 वोट चाहिए. सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि सरकार का समर्थन कर रहे अन्य दलों के विधायकों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से वह तीसरी सीट जीत जाएगी. गहलोत और कांग्रेस के उम्मीदवारों ने राज्य के 13 में से 10 निर्दलीय विधायकों से मंगलवार को मुलाकात की थी. वहीं बीजेपी पर विधायकों की खरीद फरोख्त (Horse Trading) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोप पर पलटवार करते हुए राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने बुधवार को कहा कि गहलोत खुद ‘एलिफेंट ट्रेडिंग’ में माहिर हैं. उन्होंने कहा कि गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को दो बार कांग्रेस में लेकर आये.


हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप पर बीजेपी का पलटवार


राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीजेपी द्वारा ‘हार्स ट्रेडिंग’की बात कर रहे हैं. वे दो बार में पूरी ‘एलिफेंट ट्रेडिंग’ ही नहीं पूरे हाथी को निगल गये और आज हमें शिक्षा दे रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए दो बार बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को तोड़कर राजस्थान में पूरी बीएसपी को निगलने का काम किया है. बता दें कि बीएसपी की टिकट से जीते सभी छह विधायक 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. इससे पूर्व 2009 में गहलोत के कार्यकाल के दौरान बीएसपी के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गये थे. राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों को बाड़ाबंदी एक जगह रखने का रिकार्ड बनाया है. उन्हें किस बात का डर है?


बीएसपी का क्या है आरोप?


इधर, बीएसपी की राज्य इकाई ने राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को चुनाव में भाग लेने से रोकने की मांग की है. बीएसपी के प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने राज्यपाल कलराज मिश्र और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को पत्र लिखकर मांग की है कि कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को चुनाव में भाग लेने से रोक दिया जाये.
 बीएसपी ने पत्र में कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी के चुनाव चिह्न पर जीतने वाले छह विधायकों का असंवैधानिक रूप से कांग्रेस पार्टी में विलय हो गया. उन्होंने कहा कि इन सभी विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दलबदल विरोधी कानून के तहत मामला चल रहा है जिस पर जल्द फैसला होने वाला है.


बीएसपी को कांग्रेस का जवाब


वहीं राज्यसभा चुनाव 2022 (Rajya Sabha Election 2022) को देखते हुए कांग्रेस (Congress) के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने कहा कि 6 विधायकों का कांग्रेस में विलय हो गया था और अब वे कांग्रेस के विधायक हैं. बीएसपी (BSP) की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने वाले 6 विधायक राजेन्द्र गुढा, लखन मीणा, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव, जोगिंदर अवाना और वाजिब अली सितंबर 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. वहीं राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार मनोज कुमार जोशी का नामांकन बुधवार को जांच में खारिज हो गया है. अधिकारियों के अनुसार नामांकन को अपूर्ण मानते हुए खारिज किया गया है. अब चार सीटों के लिए कांग्रेस के तीन, बीजेपी का एक और एक निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं. उम्मीदवार तीन जून तक नाम वापस ले सकते हैं और जरूरी होने पर मतदान 10 जून को होगा.


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