Rajasthan Congress News: राजस्थान कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं की बयानबाजी के बाद राज्य में पार्टी की आंतरिक कलह और बढ़ती जा रही है. पहले गुरुवार (24 नवंबर) को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के लिए गद्दार शब्द का इस्तेमाल किया. इसके जवाब में सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने भी मुख्यमंत्री गहलोत को नसीहत दे डाली. दोनों की बयानबाजी के बीच कांग्रेस को भी कूदना पड़ा. जानिए इस मामले से जुड़ी बड़ी बातें.


1. राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत और पायलट के बीच गतिरोध रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की आलोचना करने की बात कोई नई नहीं है. पहले भी कई बार गहलोत ने सचिन पायलट की तीखी आलोचना की है. बहरहाल, गुरुवार को आलोचनाओं की इस फेहरिस्त में एक और वाक्या जुड़ गया. 


2. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस विधायक सचिन पायलट के लिए गद्दार शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा कि एक गद्दार को कभी मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता है. कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकती. उसने पार्टी से धोखा किया है, गद्दारी की है. गहलोत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि विधायक कभी उसे स्वीकार नहीं करेंगे जिसने बगावत की हो और जिसे गद्दार कहा गया हो. वह मुख्यमंत्री कैसे बन सकता है? विधायक ऐसे आदमी को मुख्यमंत्री कैसे स्वीकार करेंगे. 


3. मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने सचिन पायलट पर बीजेपी से मिलीभगत कर अपनी ही सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया. सीएम ने कहा कि 2020 में जो हुआ वो पहले कभी नहीं हुआ था. एक पार्टी के अध्यक्ष ने खुद ही राज्य में अपनी सरकार गिराने की कोशिश की थी. गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट ने तब बीजेपी नेता अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठक थी. कांग्रेस के खिलाफ बगावत करने के लिए बीजेपी के दिल्ली दफ्तर से पैसा आया था. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके पास इस बात का सबूत है कि पायलट समेत प्रत्येक विधायक को 10-10 करोड़ रुपये दिये गये थे.


4. अशोक गहलोत 2020 में राजस्थान में पैदा हुए सियासी संकट का जिक्र कर रहे थे. तब सचिन पायलट कई विधायकों को साथ लेकर दिल्ली के पास गुरुग्राम के एक होटल में ठहरे थे. सियासी गलियारों में चर्चा था कि पायलट ने कांग्रेस को सीधी चुनौती दी थी कि या तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए नहीं तो वे पार्टी छोड़ देंगे. हालांकि बाद में कांग्रेस और सचिन पायलट में सुलह हो गई थी. पायलट को बाद में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद और उपमुख्यमंत्री के पद हटा दिया गया था.


5. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर सचिन पायलट ने भी पलटवार किया और उन्हें ऐसे बचकाने बयानों से बचने की नसीहत दे डाली. पायलट ने कहा कि ये सारे आरोप निराधार हैं. पहले भी अशोक गहलोत ने मुझे नाकारा और गद्दार कहा है. वे एक अनुभवी नेता हैं. मुझे नहीं पता कि कौन उन्हें मेरे खिलाफ झूठे, बेबुनियाद आरोप लगाने की सलाह दे रहा है. उन्हें इस तरह का बचकाना बयान नहीं देना चाहिए.


6. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गहलोत के नेतृत्व में पार्टी को मिली हार का जिक्र करते हुए कहा कि अशोक गहलोत के रहते हुए कांग्रेस दो बार चुनाव हारी है. उन्हें इतना अनसेफ महसूस नहीं करना चाहिए बल्कि हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए.


7. राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि जब मैं पार्टी अध्यक्ष था तब राजस्थान में बीजेपी बुरी तरह से हारी थी. फिर भी, कांग्रेस अध्यक्ष ने गहलोत को सीएम बनने का एक और मौका दिया. आज प्राथमिकता इस बात पर होनी चाहिए कि हम फिर से राजस्थान का चुनाव कैसे जीत सकते हैं. 


8. सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं और हम सभी को संयुक्त रूप से यात्रा को सफल बनाने की जरूरत है. बीजेपी को चुनौती देने वाली एकमात्र पार्टी कांग्रेस है. हमें सभी सत्तारूढ़ राज्यों में बीजेपी को चुनौती देने की जरूरत है. बता दें कि, पायलट भी इस समय राहुल गांधी के साथ यात्रा कर रहे हैं. ये यात्रा फिलहाल मध्य प्रदेश से गुजर रही है. भारत जोड़ो यात्रा के बीच गुरुवार को सचिन पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ की फोटो भी सामने आई है. 


9. राजस्थान के दोनों दिग्गज नेताओं की बयानबाजी के बीच कांग्रेस को भी कूदना पड़ा. पार्टी ने गुरुवार को कहा कि दोनों नेताओं के मतभेदों को इस तरह सुलझाया जाएगा कि पार्टी मजबूत हो. पार्टी ने ये भी कहा कि इस वक्त भारत जोड़ो यात्रा की सफलता पर ध्यान होना चाहिए.


10. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद ने जयराम रमेश ने कहा कि अशोक गहलोत अनुभवी नेता हैं. उन्होंने अपने जूनियर सचिन पायलट के साथ जो मतभेद जाहिर किये हैं, उन्हें इस तरह से सुलझाया जाएगा कि कांग्रेस मजबूत हो. इस समय हर कांग्रेस कार्यकर्ता की जिम्मेदारी भारत जोड़ो यात्रा को उत्तर भारत के राज्यों में और अधिक प्रभावशाली बनाने की है. 


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