नई दिल्लीः कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर से हिंदुस्तान को हलकान कर दिया है. एक तरफ जहां फिर से बढ़ते संक्रमण के दौर में नाइट कर्फ्यू और लिमिटेड लॉकडाउन का क्रम शुरु हो गया है, वहीं वैक्सिनेशन के साथ ही साथ अन्य जरूरी उपक्रमों और उपलब्धताओं को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के क्रम में कोरोना से ग्रसित लोगों के इलाज के लिए भी दवाओं की कमी न आने पाए यह भी बहुत बड़ी चुनौती है.


ये चुनौती कितनी बड़ी है, ये समझने के लिए भोपाल से आई उन तस्वीरों को देखिये. कितनी लंबी लाइन घंटों से लगी है. लोग कोरोना से पीड़ित अपने परिजनों के लिए इस संकटमोचक दवा को ख़रीदने के लिए लाइन में लगे हैं. तो कोरोना से निपटने की लड़ाई में सरकार की कोशिशों के क्रम में ये दवाएं भी उपलब्ध कराना बड़ी ज़िम्मेदारी है.


तो राज की बात ये है कि कोरोना से जान बचाने वाली रेमिडी सेवर नाम की दवा का उत्पादन बढ़ाया जाएगा. ताकि आने वाले वक्त में अगर हालात बिगड़ें तो दवाइयों की कमी की वजह से लड़ाई कमजोर न हो. वैसे आपको बता दें कि भोपाल की ये जो लाइन आपने देखी वो इसी दवा के लिए थी.


राज की बात ये है कि रेमेडी सेवर दवा को अभी 7 कंपनिया बना रही हैं और एक महीने में 3 लाख 60 हजार ही बन पाती हैं. लेकिन कोरोना की सेंकेड वेव की रफ्तार को देखते हुए सरकार ने फैसला किया है कि इस दवा के उत्पादन में इजाफा किया जाएगा.


सरकार की कोशिश है कि कोरोना के दौर मे जो भी दवाएं जीवन रक्षक साबित हो रही हैं उनमें कोई कमी नहीं आनी चाहिए और रेमिडी सेवर भी उन्हीं में से एक है. ऐसे में अब इसकी उत्पादन में बढ़ोत्तरी के प्रयास शुरु हो गए हैं ताकि बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ इससे लड़ने के हथियार भी बढ़ते रहें.


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