मनालीः पूर्वी लद्दाख की सीमा में चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच सितंबर माह के पहले हफ्ते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अटल टनल (रोहतांग) का उद्घाटन करेंगे. 31 अगस्त तक ये टनल बनकर तैयार हो जाएगी. टनल बनने से लेह तक पहुंचने के लिए सेना को 12 महीने आसानी होगी और लाहौल घाटी भी शेष विश्व से जुड़ी रहेगी. 8.8 किलोमीटर की रोहतांग टनल बनने से कोठी से नार्थ पोर्टल तक की 47 किलोमीटर की लंबाई कम हो जाएगी.

भारतीय सेना को मिलेगी मदद

समुद्रतल से करीब साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर बन रही विश्व की सबसे लंबी रोहतांग सुरंग लंबे समय के बाद सिंतबर माह में शुरू होने जा रही है. पीरपंजाल की पहाड़ियों को भेदकर बन रही यह सुरंग जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के लोगों तथा भारतीय सेना के लिए मील का पत्थर साबित होगी.

स्थानीय लोगों व पर्यटन क्षेत्र को होगा फ़ायदा 

कृषि मंत्री व क़बायली क्षेत्र स्पिति के विधायक डॉ राम लाल मार्कण्डेय ने कहा कि इस टनल के बन जाने से देश की सुरक्षा के साथ साथ स्थानीय लोगों व पर्यटन क्षेत्र को भी फ़ायदा होगा. वर्ष भर सेना व लोगों के लिए ये टनल खुली रहेगी ऐसे में बर्फ़बारी के दौरान अब 6 माह बन्द का दंश नहीं झेलना पड़ता था. कारगिल युद्ध के दौरान रोहतांग से होकर ही सेना ने कूच किया था.

पांच साल की देरी से हुआ तैयार हुई सुरंग

निर्धारित लक्ष्य से पांच साल देरी से बनकर तैयार हो रही टनल की लागत भी 1400 करोड़ से बढ़कर 3200 करोड़ पहुंच चुकी है. टनल का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की देखरेख में एफकॉन-स्ट्राबॉग ज्वाइंट वेंचर कंपनी कर रही है. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जून, 2010 में सुरंग की आधारशिला रखी थी और साल 2014 तक इसका कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया था.

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