नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस की अगुवाई में 16 विपक्षी दलों की बैठक आज होनी है. सूत्रों के मुताबिक विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के लिए पांंच नाम विचार में हैं. इनमें कांग्रेस नेता मीरा कुमार, सुशील कुमार शिंदे, बालाचंद्रे मुंगेकर, प्रकाश आंबेडकर और गोपाल कृष्ण गांधी हैं.


सूत्रों के मुताबिक मीरा कुमार के नाम पर सहमति बन सकती है. कांग्रेस को शरद पवार और मायावती का भी साथ मिल सकता है.


कांग्रेस की अगुवाई में मुख्य बैठक से पहले शरद पवार के आवास पर कांग्रेस, एनसीपी और लेफ्ट के नेता मिले. सीताराम येचुरी का कहना है कि उनकी पहली पसंद गोपाल कृष्ण गांधी हैं, और अगर उनके नाम पर सहमति नहीं बनती है तो प्रकाश आंबेडकर को उम्मीदवार बनाया जाए. आपको बता दें कि गोपाल कृष्ण गांधी महात्मा गांधी के पड़पोते हैं, जबकि प्रकाश आंबेडकर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पोते हैं.


दूसरी तरफ नीतीश की पार्टी जेडीयू ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के समर्थन में बैटिंग की है और विपक्ष से कहा कि वो भी उनका समर्थन करें. जेडीयू पहले ही कोविंद के समर्थन का एलान कर चुकी है.


नीतीश ने आसान की रामनाथ की राह


नीतीश ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन का एलान करके कांग्रेस और लालू यादव को बड़ा झटका दे दिया है.


नीतीश कुमार बिहार में कांग्रेस और लालू यादव की पार्टी के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं, लेकिन पटना में कल विधायकों की बैठक में नीतीश के इस फैसले से लालू यादव जैसे उनके साथी सकते में हैं. राष्ट्रपति चुनाव में सोनिया और लालू के प्लान में नीतीश ने सेंध लगा दी है.


कांग्रेस की अगुवाई में 17 विपक्षी पार्टियों की बैठक तो हो रही है, लेकिन अब विपक्ष के पास अपना राष्ट्रपति बनाने की ताकत नहीं बची है. नीतीश कुमार के समर्थन के बाद एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के लिए पास उससे ज्यादा वोट जुट चुके हैं, जितने में जीत होती है.


क्या कहता है वोटों का गणित?


एनडीए के पास राष्ट्रपति चुनने के लिए अभी पांच लाख 32 हजार वोट हैं. ओडिशा की सत्ताधारी बीजेडी ने भी कोविंद का समर्थन कर दिया है. बीजेडी के पास 37 हजार 257 वोट हैं.  बीजेपी को दक्षिण भारत की दो प्रमुख पार्टियां वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस का समर्थन भी हासिल है और अब नीतीश की पार्टी के भी 20 हजार 779 वोट एनडीए के खाते में आ गए. - यानि अब कोविंद के समर्थन में छह लाख 29 हजार 658 वोट हो गए हैं. जो जीत के लिए जरूरी पांच लाख 49 हजार 422 वोटों से कहीं ज्यादा हैं.


कांग्रेस का प्लान फेल ?


आज शाम 4.30 बजे कांग्रेस की अगुवाई में जब 17 विपक्षी दल राष्ट्रपति चुनाव पर मंथन करेंगे तो उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं होंगे, क्योंकि उद्धव को तोड़ने का कांग्रेस का प्लान फेल चुका है. मायावती आज की बैठक में शामिल होंगी लेकिन वो पहले ही दलित के नाम पर कोविंद को समर्थन करने का एलान कर चुकी हैं.


विपक्ष को कोई अप्रत्याशित उम्मीद दिखी तो वो कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे या गोपाल कृष्ण गांधी का नाम आगे कर सकती है.


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