नई दिल्ली: देश के पहले नागरिक यानी राष्ट्रपति पद के लिए आज मतदान होगा. आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में  सांसद और विधायक वोट डालकर नए राष्ट्रपति का फैसला करेंगे. इस चुनाव में एनडीए उम्मीदवार राम नाथ कोविंद और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार आमने-सामने हैं लेकिन आंकड़ों में कोविंद का पलड़ा भारी दिख रहा है.


राष्ट्रपति चुनाव: कोविंद के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं


रामनाथ कोविंद के पास करीब 62 फीसदी वोट हैं, कोशिश 66 फीसदी समर्थन जुटाने का है. करीब 30 से ज्यादा दल कोविंद का समर्थन कर रहे हैं. वहीं विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के पास 27 फीसदी वोट हैं. मीरा कुमार को कांग्रेस सहित 18 दलों का समर्थन प्राप्त है.



बिहार के पूर्व राज्यपाल कोविंद और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने देश भर में घूम-घूम कर अपनी उम्मीदवारी के समर्थन में लोगों से मत देने को कहा है.


बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है.


राष्ट्रपति चुनाव: मीरा के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

इस चुनाव में वोट देने वाले सांसदों और विधायकों को मतदान केंद्र के भीतर अपना पेन ले जाने से मना किया गया है और वे विशेष रूप से डिजाइन किये गए मार्कर से मतपत्र पर निशान लगाएंगे. राष्ट्रपति चुनाव गोपनीय मतपत्र के जरिये होता है. इसमें पार्टियां अपने सदस्यों को किसी खास उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने के लिये व्हिप जारी नहीं कर सकतीं.

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किसके पास हैं कितने वोट


बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास शिवसेना को मिलाकर कुल 5,37,683 वोट हैं और उसे करीब 12000 और मतों की जरूरत है. हालांकि बीजद, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस से समर्थन के वादे और एआईएडीएमके के एक धड़े से समर्थन की संभावना राष्ट्रपति चुनावों में वोटों की कमी के अंतर को पूरा कर सकती है. वहीं मीरा कुमार के समर्थन में 3 लाख 86 हजार 500 वोट के साथ 36 फीसदी वोट हैं.


विशेष पेन से होगा मतदान


इस चुनाव में वोट देने वाले सांसदों और विधायकों को मतदान केंद्र के भीतर अपना पेन ले जाने से मना किया गया है और वे विशेष रूप से डिजाइन किये गए मार्कर से मतपत्र पर निशान लगाएंगे. राष्ट्रपति चुनाव गोपनीय मतपत्र के जरिये होता है. इसमें पार्टियां अपने सदस्यों को किसी खास उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने के लिये व्हिप जारी नहीं कर सकतीं.


किसे है वोट देने का अधिकार?


राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के साथ-साथ देश के सभी विधानसभा और विधान परिषद के चुने हुए सदस्य वोट दे सकते हैं. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में नामित सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं होता है.


कैसे तय होता है प्रतिनिधियों के वोटों का वेटेज ?


लोकसभा और राज्यसभा के कुल सदस्यों की संख्या को मिला दिया जाए तो इसका आंकड़ा 776 पहुंच जाता है. यानि 776 सांसद इसमें वोट दे सकते हैं. इन सांसदों के पास कुल 5,49,408 वोट हैं, जबकि पूरे देश में 4120 विधायक हैं, जिनके पास 5,49, 474 वोट हैं. इस तरह कुल वोट 10,98,882 हैं और जीत के लिए आधे से एक ज्यादा यानी 5,49,442 चाहिए हाते हैं.



विधायक के मामले में जिस राज्य का विधायक हो उसकी 1971 की जनगणना के हिसाब से आबादी देखी जाती है. आबादी को चुने हुए विधायकों की संख्या से भाग दिया जाता है, अब जितना रिजल्ट आए उसकों 1000 से भाग किया जाता है. अब जो आंकड़ा हाथ लगता है, वही उस राज्य के एक विधायक के वोट का मूल्य होता है.


सांसदों के वोटों की वेटेज का गणित अलग है. चुने हुए लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के वोटों का मूल्य फिक्स होता है. एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है.


UP के विधायकों के मतों का मूल्य है सबसे ज्यादा


राज्य विधानसभाओं में उत्तर प्रदेश के विधायकों का सर्वाधिक मत मूल्य 83,824 है. यह प्रति विधायक 208 मतों का आंकड़ा है. वहीं, सिक्किम विधानसभा में सबसे कम मत मूल्य 224 है और यह प्रति विधायक सात मतों का आंकड़ा है.


कब होगी वोटों की गिनती? कब होगा शपथ ग्रहण ?


20 जुलाई को वोटों की गिनती होनी है. 25 जुलाई को शपथ ग्रहण समारोह होगा. देश के चीफ जस्टिस नए राष्ट्रपति को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे.


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