Nehru Memorial Name Change: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय करने को मंजूरी दे दी है. बीती 14 अगस्त को नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम आधिकारिक तौर पर बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी किया गया था. 


जून 2023 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी की बैठक हुई थी, जिसमें नाम बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगी थी. इसके बाद स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर नाम बदलने को अमली जामा पहनाया गया. अब राष्ट्रपति ने इस पर फाइलन मुहर लगा दी है.


कैसे बदला नाम?


तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास हुआ करता था. बाद में इस परिसर को संग्रहालय में बदल दिया गया और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की स्थापना की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में इसे देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय बनाने का विचार दिया था.


प्रधानमंत्री के विचार को नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद ने मंजूर कर लिया था. साल 2022 में सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित कार्यालय बनकर तैयार हुआ था और उसी साल अप्रैल में इसे जनता के लिए खोला गया. 


नाम बदलने पर हुआ विवाद


संग्रहालय से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम हटाने पर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला था. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि "उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है. उन्होंने एन को मिटाकर उसकी जगह पी डाल दिया है. लगातार हमले के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे."


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