Prashant Kishor On Nitish Kumar: राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर एक बार फिर निशाना साधा है. प्रशांत किशोर ने बुधवार (22 फरवरी) को कहा कि बिहार की राजनीति में केवल दो बड़े खिलाड़ी हैं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD). मुख्यमंत्री की पार्टी जेडीयू (JDU) को जीवित रहने के लिए हमेशा एक बैसाखी की जरूरत होती है.
प्रशांत किशोर ने सीवान में कहा कि लोग अभी भी लालू प्रसाद के कार्यकाल के बारे में सोचकर कांप उठते हैं. उस युग को आज भी ‘जंगल राज’ के रूप में याद किया जाता है. फिर भी मुसलमान राजद को वोट देते हैं क्योंकि वे कहते हैं कि वे बीजेपी को वोट नहीं दे सकते.
"लोगों के पास विकल्पों की कमी"
उन्होंने आगे कहा कि जेडीयू की कोई स्वतंत्र पहचान नहीं है बल्कि विकल्पों की कमी है जो लोगों की पसंद को निर्धारित करती है. पार्टी की ओर से कोई महान कार्य नहीं किया गया है. यही कारण है कि नवंबर 2005 के बाद से नीतीश सरकार के पहले पांच वर्षों में कुछ प्रगति के बावजूद बिहार में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है. पहले कार्यकाल के बाद नीतीश कुमार ने भी दिशा खो दी.
"ये गठबंधन टिक नहीं सकता"
किशोर ने कहा कि यह गठबंधन टिक नहीं सकता. उपेंद्र किशवाहा पार्टी से अलग हो गए हैं. कल कोई और बाहर होगा. यह खींचतान और दबाव बना रहेगा. 2015 में मैंने गठबंधन बनाने में मदद की थी, नीतीश कुमार या लालू प्रसाद ने नहीं. मैं गठबंधन की राजनीति की मजबूरियों को जानता हूं. सात दल एक साथ अधिक समय तक नहीं चल सकते. यह असंभव है.
पैदल मार्च निकाल रहे किशोर
प्रशांत किशोर 2020 में जेडीयू से अलग हो गए थे. पिछले साल किशोर ने पश्चिम चंपारण जिले से 'जन सूरज' पैदल मार्च शुरू किया था. पिछले कुछ दिनों में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार की गठबंधन सरकार और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर कई बार हमला बोला है. उन्होंने भविष्यवाणी की है कि सात दलों की महागठबंधन सरकार की 2025 तक टिकने की संभावना नहीं है.
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