India Help in Tajikistan Earthquake: तुर्किए-सीरिया के बाद अब भारत तजाकिस्तान की भूकंप (Tajikistan Earthquake) के हालातों से निपटने में मदद करेगा. गुरुवार (23 फरवरी) को तजाकिस्तान (Tajikistan) में आए भूकंप के बाद भारत स्थिति पर नजर रख रहा है. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने तजाकिस्तान में आए भूकंप (Earthquake) से उपजे हालात का जायजा लिया है और उसके प्रभाव से संबंधित घटनाक्रमों की निगरानी कर रहे हैं.


जानकारी के मुताबिक, भारतीय अधिकारी तजाकिस्तान के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं और भारत सरकार के संबंधित निकाय जरूरी मदद के लिए निकटता से समन्वय कर रहे हैं. बता दें कि 6 फरवरी को तुर्किए और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने मदद भेजकर भूकंप पीड़ितों के लिए ऑपरेशन दोस्त चलाया था. भारत ने एनडीआरएफ जवानों के साथ बड़ी मात्रा में राहत सामग्री और चिकित्सा उपकरण भेजे थे.


सारेज झील को नहीं हुआ नुकसान


समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, गुरुवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 5:37 बजे पूर्वी तजाकिस्तान में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया. तजाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा कि चीन और अन्य पड़ोसी देशों में भी इसे महसूस किया गया. भूकंप का असर पहाड़ी स्वायत्त क्षेत्र गोर्नो-बदख्शां में देखा गया. इस इलाके में इसी महीने की शुरुआत में सिलसिलेवार घातक हिमस्खलन हुआ था.


इस इलाके में बेहद कम आबादी रहती है. क्षेत्र में सारेज नाम की एक बड़ी झील है. बताया जाता है कि भूकंप जैसी किसी प्राकृतिक आपदा के चलते सारेज झील एक बड़े क्षेत्र में बाढ़ का कारण हो सकती है, जिसकी जद में कई देश आते हैं. हालांकि, ताजिक अधिकारियों ने कहा कि भूकंप के कारण झील में नुकसान होने का कोई संकेत नहीं मिला है. 


यहां था भूकंप का केंद्र


भूकंप का एपिसेंटर चीन के साथ निकटतम सीमा से करीब 82 किलोमीटर दूर था. इसी के साथ काशगर और आर्टक्स समेत चीन के पश्चिमी झिंजियांग के कुछ इलाकों में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए. चीन की सरकारी चैनल सीसीटीवी ने भूकंप की तीव्रता 7.2 बताई. भूकंप के कारण तजाकिस्तान या चीन में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.


पुलों-सुरंगों और सिग्नल उपकरणों का लिया गया जायजा


समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि काशगर में बिजली आपूर्ति और संचार सामान्य रहा. गोर्नो-बदख्शां के पास के जिले रशोन के स्थानीय निवासी ने बताया कि भूकंप के बाद कई लोग जाग गए थे और उसके बाद कम से कम दो झटके महसूस किए गए. झिंजियांग रेल विभाग ने दक्षिणी झिंजियांग रेलवे के अक्सू से काशगर के बीच चलने वाली यात्री ट्रेनों को रोका गया था. सीसीटीवी चैनल के मुताबिक, स्थानीय अधिकारियों ने बाद में पुलों, सुरंगों और सिग्नल उपकरणों का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया.


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