नई दिल्ली: देश एक तरफ कोरोना महामारी की मार झेल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पूरे देश को वैक्सीन लगाने की भी चुनौती है. इसके साथ ही मानसून इसके चलते स्थानीय स्तर पर होने वाली समस्याएं भी हैं. ऐसे कठिन समय में जनता अपने नेताओं की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखती है, उसे लगता है कि नेता उसके लिए मदद का हाथ बढ़ाएंगे. लेकिन जनता ऐसी स्थिति में जब नेताओं को पार्टी की राजीनिति और कहीं कहीं निजी स्वार्थों में व्यस्त देखती है तो खुद को ठगा सा महसूस करती है.


देश में एक तरफ जहां मानसून धीरे धीरे आगे बढ़ रहा है तो वहीं राजनीति मौसम भी बगावती होता नजर आ रहा है. पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और राजस्थान में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. कहीं सत्ताधारी पार्टी में कलह मची है तो कहीं परिवार में बर्चस्व की लड़ाई चल रही है. हम आपको एक एक करके इन पाचों में राज्यों की हालत बता रहे हैं.....


यूपी: बीएसपी में 18 में से 9 विधायक अखिलेश से मिलेंगे, 2 पहले से BJP के पक्ष में
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का समय बचा है. ऐसे में चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है.  चुनाव से पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती के विधायक चुनाव से पहले बगावत के मूड में हैं. जानकारी के मुताबिक मायावती की पार्टी के 18 में से 9 विधायक आज अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे. वहीं दो पहले से ही बीजेपी के पक्ष में हैं. जो विधायक आज अखिलेश यादव से मिलेंगे उनमें असलम राइनी, मुजतबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल, बंदना सिंह, असलम अली, लालजी वर्मा, और राम अचल राजभर शामिल हैं.


बिहार: चाचा ने दिया भतीजे को झटका, चिराग का भविष्य अंधेरे में?
बिहार में रामविलास पासवान के बेटे और एलजेपी नेता चिराग पासवान को उनके चाचा से ही झटका मिला है.  पार्टी में बगावत के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने पशुपति पारस को एलजेपी संसदीय दल का नेता माना. चिराग पासवान की जगह नए नेता बने. सोमवार को चिराग पासवान अपने चाचा मिलने खुद गाड़ी चालकर उनके घर पहुंचे. लेकिन 20 मिनट दरवाजे पर इंतजार करने के बाद भी उनकी मुलाकात पशुपति पारस से नहीं हो सकी.


जानकारों की मानें तो एलजेपी में चिराग का भविष्य अब अंधेरे में हैं. वहीं एलजेपी में टूट के बाद बिहार कांग्रेस के विधायकों में टूट की अटकलें तेज है. इसी बीच कांग्रेस के सभी 19 विधायकों को आज पटना बुलाया जा सकता है. ग़ौरतलब है कि कांग्रेस नेता प्रेम चंद मिश्रा ने एलजेपी टूट को लेकर जेडीयू को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जेडीयू पार्टियों को तोड़ने में लगी रहती है.


पंजाब: सिद्धू दिखा रहे बगावती तेवर, कांग्रेस आलाकमान को करना है फैसला
पंजाब की राजनीति में चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ा हुआ है. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह में अनबन की खबरें अब जगजाहिर हैं. पंजाब में अगले साल चुनाव होना है, इससे पहले दो बड़े नेताओं में  अनबन पार्टी को नुकसान करा सकती है. 


ऐसी स्थिति को भांपते हुए कांग्रेस ने एक तीन सदस्यों के पैनल बनाया. इस पैनल ने सिद्धू और कैप्टन समेत पंजाब के सभी कांग्रेस नेताओं से बात की. पैनल ने अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है और फैसला कांग्रेस आला कमान को करना है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.


राजस्थान- एक साल से गहलोत के खिलाफ पायलट के तेवर गर्म
राजस्थान में सचिन पायलट ग्रुप भी लगभग एक साल से नाराज चल रहा है. पिछले साल कांग्रेस के बड़े नेताओं प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के दखल के बाद स्थिति संभली थी, लेकिन इस बार फिर पायलट गुट ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं. मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को गंवाने के बाद कांग्रेस राजस्थान में सचिन पायलट को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहेगी.


राजस्थान कांग्रेस में बढ़ते तनाव व पायलट खेमे के ज्यादा तीखे तेवरों के बीच कांग्रेस ने सभी वर्गों के साथ आंतरिक बातचीत तेज कर दी है और प्रदेश मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल होने की संभावना है. सूत्रों ने कहा कि प्रदेश मंत्रिमंडल में खाली नौ पदों में सभी वर्गों को शामिल करने के लिये चर्चा जारी है.


कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी महासचिव अजय माकन समेत वरिष्ठ नेता विभिन्न खेमों के नेताओं से उनकी शिकायतें दूर करने के लिये चर्चा कर रहे हैं. माना जा रहा है कि माकन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ चर्चा की.


बंगाल: वरिष्ठ बीजेपी नेता मुकुल राय फिर से टीएमसी में शामिल हुए, कई लाइन में
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी, इसके बाद भी वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कुर्सी को हिला नहीं पायी. बंगाल में टीएमसी की जीत के बाद पार्टी छोड़कर बीजेपी में गए नेताओं में खलबली मची हुई है. टीएमसी से बीजेपी में गए मुकुल राय की वापसी के बाद बंगाल में टीएमसी में वापसी करने वालों में उम्मीद की लहर दौड़ गयी है.


वहीं टीएमसी छोड़ बीजेपी में आए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि अगर मुकुल रॉय विधायक पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो वह उनके खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई के लिए आवेदन देंगे.  वहीं बीजेपी में अब टीएमसी से आने वाले नेताओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इन सवालों पर  भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वप्न दासगुप्ता ने सोमवार को कहा कि 2019 के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा से जुड़ने वाले हर नेता को ‘भेदिया’ की तरह देखना ठीक नहीं होगा.


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