देश के चुनाव प्रचार में पीओके का मुद्दा छाया हुआ है. गृह मंत्री अमित शाह हर रैली में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर बयान दे रहे हैं तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाकायदा तारीख का भी ऐलान कर दिया. पीओके की भारत में वापसी को लेकर योगी ने जो बयान दिया है उसने हिंदुस्तान की सियासत में ही नहीं पाकिस्तान में भी हलचल बढ़ा दी है. 


PoK का पूरा इलाका हिंदुस्तान का अभिन्न अंग हुआ करता था. लेकिन सालों से पाकिस्तान ने इस इलाके पर अवैध कब्जा जमा रखा है. लंबे वक्त से हिंदुस्तानियों की मांग रही है कि भारत सरकार अपने इस इलाके को पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त कराए. अब पहली बार हिंदुस्तान के चुनाव प्रचार में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत में शामिल करने की तारीख सामने आई है. शनिवार को महाराष्ट्र के पालघर की चुनावी रैली में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीओके की वापसी की तारीख मुकर्रर कर दी. और ये पहली बार हुआ है जब सत्तधारी दल के किसी बड़े नेता ने पीओके को लेकर 6 महीने का वक्त तय किया है. 
 
योगी आदित्यनाथ के इस बयान से पहले और इस बयान के बाद भी देश के गृह मंत्री अमित शाह लगातार अपनी चुनावी रैलियों में पीओके का जिक्र कर रहे हैं और ये बताने से नहीं चूक रहे कि पीओके भारत का हिस्सा था और है और हम इसे लेकर रहेंगे. 


अमित शाह ने 17 मई को रायबरेली में जनसभा की. इसके बाद वे 18 मई को ललितपुर पहुंचे और 19 मई को बेतिया. इन तीनों रैलियों में अमित शाह ने मंच से पीओके का मुद्दा उठाया. शाह ने कहा, पीओके की वापसी हर हिंदुस्तानी का सपना है. बगैर पीओके के जम्मू कश्मीर अधूरा है और पिछले दिनों देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चुनावी रैली में कहा था कि वो दिन दूर नहीं जब खुद पीओके के लोग भारत में वापसी की बात कहेंगे. 


 यूं ही नहीं किया जा रहा ये दावा


राजनाथ सिंह ने ये बयान यूं ही नहीं दिया. दरअसल, पीओके इन दिनों असंतोष की आग में झुलस रहा है. अलग अलग कारणों से पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर उबल रहा है. वहां के लोग नाराज हैं. विद्रोह पर उतर चुके हैं. पीओके में पाकिस्तान के खिलाफ उठे विद्रोह की आवाज को दबाने के लिए वहां की फौज और पुलिस अत्याचार पर उतर आई है. जनता पर फायरिंग तक की जा रही है. 
 
पाकिस्तान में महंगाई इतनी बढ़ चुकी है कि लोग त्रस्त हैं. पीओके के लोग अब पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहते. यही वजह है कि वहां अंदर ही अंदर बगावत की चिंगारी सुलग रही है और पीओके में सुलगती इस चिंगारी के बीच अब बीजेपी को इंतजार 4 जून का है, क्योंकि उसी दिन हिंदुस्तान की जनता का फैसला सामने आएगा जिसके बाद तय होगी पीओके की तकदीर.