नई दिल्ली: आज हिंदू, मुस्लिम और सिख समुदाय को लेकर अहम दिन रहा. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मसले पर अपना फैसला सुनाया. वहीं पीएम मोदी ने भारतीय सीमा में और इमरान खान ने पाकिस्तान की सीमा में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से करीब आठ किमी दूर बीएसएफ के शिविर में सभा को संबोधित करने के बाद शाम छह बजे अयोध्या मसले के मद्देनजर देश को संबोधित किया.

उन्होंने कहा कि नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन की समाप्ति करते हुए ईद-ए-मिलादुन नबी की बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है. इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी.''

उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर और बर्लिन की दीवार का भी जिक्र किया. पीएम ने कहा, ''आज 9 नवंबर है. आज ही के दिन बर्लिन की दीवार गिरी थी. आज का फैसला हमें साथ मिलकर आगे बढ़ने का संदेश देता है.''

पीएम मोदी ने कहा, ''आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही, 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख देता है. आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है.'' उन्होंने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है. और इसलिए, देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं.''

प्रधानमंत्री ने कहा, ''भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का ये दिन एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है. इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना, बहुत धैर्य से सुना और सर्वसम्मति से फैसला दिया.'' मोदी ने कहा, ''फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग ने, हर समुदाय ने, हर पंथ के लोगों ने, पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है.''

उन्होंने कहा, ''आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का एक इतिहास है. पूरे देश की ये इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज़ सुनवाई हो, जो हुई, और आज निर्णय आ चुका है.'' पीएम मोदी ने कहा कि अब समाज के नाते, हर भारतीय को अपने कर्तव्य, अपने दायित्व को प्राथमिकता देते हुए काम करना है. हमारे बीच का सौहार्द, हमारी एकता, हमारी शांति, देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

आज सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से किए गए फैसले में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित भूमि को रामलला को सौंपने का फैसला किया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन अयोध्या में ही आवंटित किया जाए. जिस पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने ये फैसला सुनाया. इसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.

पूरा फैसला 1045 पन्नों का है, इसमें 929 पन्नें एक मत से हैं जबकि 116 पन्नें अलग से हैं. एक जज ने फैसले से अलग राय जताई है. अभी जज के नाम का कोई जिक्र नहीं है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 40 दिन सुनवाई चली. 6 अगस्त 2019 से इसपर सुनवाई शुरू हुई. 16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने आपत्ति जरूर जताई लेकिन यह साफ नहीं किया है कि वह अयोध्या के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में फिर से कोई याचिका दाखिल करेगा.

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