जल जीवन मिशन में राज्यों में चल रही अनियमितताओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सख्त हो गए हैं. प्रधानमंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि जिन लोगों ने भी जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार किया है उनको छोड़ा नहीं जाएगा. इसको लेकर जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से राज्यों से रिपोर्ट भी मांगी गई है. देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से 32 प्रदेश सरकारों ने अनियमितताओं पर किए गए एक्शन की रिपोर्ट भेज दी है, वहीं कुछ सरकारों की रिपोर्ट का इंतजार है. सूत्रों के मुताबिक, जब तक सभी राज्य अपनी तरफ से रिपोर्ट नहीं भेज देते, तब तक योजना के लिए आगे पैसा रिलीज नहीं किया जाएगा.
2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने हर घर नल और नल से जल योजना की घोषणा की. इसके तहत देश के हर घर में नल से जल पहुंचाने की योजना थी. इसी के तहत ग्रामीण इलाकों में पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई. योजना के तहत 3.6 लाख करोड़ खर्च करना था, जो राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर करना था. अब तक इस योजना में 4.33 लाख करोड़ खर्च हो चुका है, लेकिन अभी तक 81 प्रतिशत घरों तक ही पानी का कनेक्शन पहुंच पाया है.
अनियमितता को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने कराई जांच
कई राज्यों से इस योजना को लेकर शिकायत मिलने लगी तो केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से इसको लेकर जांच कराई गई. जांच में पाया गया कि 81 प्रतिशत घरों तक कनेक्शन पहुंच गए हैं, लेकिन इतने घरों तक भी अभी पानी नहीं पहुंच रहा है. इसमें अभी 14-16 प्रतिशत तक गैप मिला है. उसके बाद सभी राज्यों से इसको लेकर रिपोर्ट मांगी गई, उसके बाद जिन भी लोगों और कंपनियों ने इसमें भ्रष्टाचार किया था या अनियमितता बरती थी उनके ऊपर कार्रवाई की गई है.
अब तक 32 राज्यों ने अपनी रिपोर्ट भेज दी है, जिनमें से गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु , मध्य प्रदेश समेत 20 राज्यों में कामों में अनियमितता पाई गई और उनमें 607 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 621 डिपार्टमेंटल ऑफिशियल, 969 कांट्रेक्टर और 153 थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसियों पर कार्रवाई की गई है.
देश के 6 राज्यों में उम्मीद से भी कम हुआ काम
जल जीवन मिशन की अगर बात करें, तो योजना के इंप्लीमेंटेशन में 6 राज्यों का काम उम्मीद से कम हुआ है. जिन राज्यों में दिए हुए टारगेट से 75 प्रतिशत से भी कम काम हुआ है, ऐसे राज्य पश्चिम बंगाल, केरल, राज्यस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और आंध्र प्रदेश हैं. पश्चिम बंगाल में सिर्फ 54 प्रतिशत ही काम पूरा हो पाया है. अनियमितताओं के इतने सारे मामले सामने आने के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने ये साफ कर दिया है कि राज्यों को पैसा अब स्कीम के हिसाब से दिया जाएगा. अब लमसम पैसा नहीं भेजा जाएगा.
जल जीवन मिशन की लगातार समीक्षा कर रहे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री की ओर से लगातार जल जीवन मिशन योजना की समीक्षा की जा रही है. अनियमितताओं की खबर आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ये साफ निर्देश दिए कि जो भी इस योजना में भ्रष्टाचार कर रहा है उसे छोड़ा नहीं जाएगा. उसके बाद राज्यों से इसको लेकर रिपोर्ट भी मांगी गई. सभी राज्यों से रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जा रहा है. जैसे ही रिपोर्ट मिलेगी तो फिर से प्रधानमंत्री के सामने वो रिपोर्ट रखी जाएगी, उसके बाद प्रधानमंत्री जो भी दिशा निर्देश देंगे उन पर अमल किया जाएगा.
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