रूसी हमले के बाद यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने की कवायद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की और जोर दिया कि भारतीय छात्रों की सुरक्षा तथा उनकी जल्द वापसी सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि बैठक में यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और बढ़ाने पर भी चर्चा हुई ताकि भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त देश से तेजी से बाहर निकाला जा सके.


इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. सूत्रों ने बताया कि बैठक दो घंटे से भी लंबी चली. प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार से लौटने के तत्काल बाद इस बैठक की अध्यक्षता की.


बढ़ी जंग
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब यूक्रेन के कई हवाई अड्डों, ईंधन केंद्रों तथा अन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के बाद रविवार को रूसी सेना ने दक्षिण क्षेत्र में स्थित रणनीतिक बंदरगाहों पर भी नियंत्रण करने का प्रयास किया. हालांकि शहरों में रूस को यूक्रेन के जबरदस्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है.


पुतिन और मोदी की बातचीत
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के मद्देनजर पैदा हुई वैश्विक स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से पिछले दिनों बात की थी और हिंसा रोकने तथा वार्ता शुरू करने की अपील की थी.


जेलेंस्की ने की मोदी से बात
इसके बाद शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मोदी से बातचीत की और अपने देश के खिलाफ रूस के सैन्य हमले को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत से राजनीतिक समर्थन मांगा.


शांति बहाली के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध भारत
इस दौरान, भारत ने दोनों देशों के बीच शांति बहाली के प्रयासों में किसी भी तरह से योगदान करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई. मोदी ने संघर्ष की वजह से जान व माल को हुए नुकसान पर गहरी पीड़ा भी व्यक्त की.


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