कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश में पहले फेज के वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की. इस मौके पर पीएम सभी वैक्सीनेशन सेंटर्स संबोधित भी किया. पीएम के मुताबिक पहले दिन कुल 3006 वैक्‍सीनेशन सेंटर्स पर तीन लाख से ज्‍यादा हेल्‍थ वर्कर्स को पहली खुराक दी जाएगी. अभियान की शुरुआत करते हुए पीएम ने कहा कि आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है, कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सबकी जुबान पर ये ही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी.


'पूरी दुनिया मान रही भारत का लोहा'
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने कोरोना महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है. केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया और सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए हैं.


'दुष्प्रचार से बचें'
वैक्सीनेशन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारे मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है. हमनें ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है. हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी. इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है.


'नहीं उठने चाहिए सवाल'
पीएम ने कहा कि वैक्सीन को लेकर किसी के मन में सवाल नहीं उठने चाहिए. भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है. विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक डोज 5,000 हज़ार रुपये तक हैं और जिसे -70 डिग्री तापमान में फ्रीज में रखना होता है. इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है. दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है.


ये अभियान भारत की दक्षता का सबूत
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है. जिसे सबसे ज्यादा जरूरी है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा. आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं लेकिन इतने कम समय में एक नहीं दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं. कई और वैक्सीन पर भी तेज गति से काम चल रहा है, ये भारत के सामर्थ्य, वैज्ञानिक दक्षता और टैलेंट का जीता-जागता सबूत है.


ये भी पढ़ें


कोरोना के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू, पीएम मोदी बोले- इस दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतेजार रहा

आज से नहीं सुनाई देगी अमिताभ बच्चन की आवाज वाली कोरोना कॉलर ट्यून, नई आवाज में होगा यह संदेश