नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पीएम गरीब कल्याण योजना के गुजरात के लाभार्थियों से बात की. इस योजना के बारे में और जागरुकता पैदा करने के लिए राज्य में एक जन भागीदारी कार्यक्रम शुरू किया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत मिलने वाला यह राशन महामारी के समय में गरीब की मदद करता है. यह योजना एक साल से चल रही है, जिससे कोई गरीब भूखा ना सो जाए. प्रधानमंत्री ने कहा कि अब गरीब को लगता है कि कुछ भी हो जाए देश उनके साथ है.


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "गुजरात सरकार ने हमारी बहनों, हमारे किसानों, हमारे गरीब परिवारों के हित में हर योजना को सेवाभाव के साथ जमीन पर उतारा है. आज गुजरात के लाखों परिवारों को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत एक साथ मुफ्त राशन वितरित किया जा रहा है.'' 


उन्होंने कहा, ''आजादी के बाद से ही करीब-करीब हर सरकार ने गरीबों को सस्ता भोजन देने की बात कही थी. सस्ते राशन की योजनाओं का दायरा और बजट साल दर साल बढ़ता गया, लेकिन उसका जो प्रभाव होना चाहिए था, वो सीमित ही रहा.''


क्या है पीएम गरीब कल्याण योजना?
कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान जब देश में लॉकडाउन लगा था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की 80 करोड़ जरूरतमंद जनता को मुफ्त राशन देने का ऐलान किया था. इसका सबसे बड़ा फायदा उन गरीबों को मिला जो रोजगार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गांव छोड़कर कहीं और जाते हैं.


इस योजना के माध्यम से सभी पात्र लाभार्थियों तक राशन पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिक जैसे की सड़क पर रहने वाले, कूड़ा उठाने वाले, फेरी वाले, रिक्शा चालक, प्रवासी मजदूर आदि को प्राथमिकता दी गई. सरकार द्वारा पीएम गरीब कल्याण योजना को 3 महीने के लिए आरंभ किया गया था. जिसे बाद में कई मौकों पर बढ़ाया गया. वर्तमान में इसे दीपावली तक बढ़ाने का फैसला किया गया है.


इस घोषणा के तहत देश के जिन प्रवासी मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन मजदूर परिवारों को हर महीने 5 kg चावल/गेंहूं और 1kg चना सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. भारत सरकार इस पहल पर 26,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी. 


किसे मिलता है इस योजना का लाभ?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ पाने के लिए आपके पास राशन कार्ड होना अनिवार्य है. राशन कार्ड में जितने लोगों के नाम दर्ज हैं, उसी हिसाब से सभी को पांच पांच किलो अनाज उपब्लश करवाया जाता है. मान लीजिए कि राशन कार्ड में 4 लोगों के नाम दर्ज हैं तो सभी को 5-5 किलो यानी कुल 20 किलो अनाज मिलेगा. यह अनाज आपको हर महीने मिलने वाले अनाज से अलग होगा. आप जिस सरकारी राशन दुकान से अपना अनाज लेते हैं. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मिलने वाला अनाज भी वहीं से मिलेगा.


एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर भी मजदूर अपना पुराना राशन कार्ड इस्तेमाल कर सकते हैं. यानी कि एक राशन कार्ड से दूसरे राज्य में भी सरकारी राशन खरीदा जा सकता है. केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि नया राशन कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं है. 'वन नेशन, वन राशन' कार्ड योजना के तहत पुराना राशन कार्ड चलता रहेगा. इसे अपडेट किए जाने के बाद पूरे देश में मान्य होगा.


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