नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने महात्मा गांधी की हत्या की जांच फिर से कराए जाने की मांग करने वाली याचिका पर आज तमाम सवाल पूछे और वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र शरण को एमेकस क्यूरी नियुक्त किया.


न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने इस मामले में अदालत की मदद करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व अतिरक्त सॉलिसिटर जनरल अमरेंद्र शरण को एमेकस क्यूरी नियुक्त किया.


करीब 15 मिनट तक चली सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने पहले कहा कि जिस मामले पर वर्षों पहले फैसला हो चुका है, उस पर ‘‘कानून में कुछ भी नहीं किया जा सकता.’’ न्यायालय ने बाद में शरण से कहा कि इसकी टिप्पणी इस मामले में आकलन करने के लिए उन पर बाध्यकारी नहीं है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 अक्तूबर की तारीख तय की गयी है.


मुंबई के शोधकर्ता और अभिनव भारत के न्यासी डॉ. पंकज फडणीस की याचिका में विभिन्न पहलुओं पर जांच फिर से कराए जाने की मांग की गई है. इसमें दावा किया गया है कि यह (महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ी जांच) इतिहास का सबसे बड़ा ‘कवर अप्स’ (पर्दा डालना) रहा है. नाथूराम विनायक गोडसे ने तीस जनवरी 1948 को नजदीक से गोली मारकर गांधी की हत्या कर दी थी.