Rahul Gandhi Lok Sabha Membership: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता की बहाली को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इसे लखनऊ के वकील अशोक पांडे ने दायर किया है.

पांडे ने याचिका में कहा है कि एक बार संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) के साथ संविधान के अनुच्छेद 102, 191 के तहत अपना पद खो देता है तो वह तब तक अयोग्य घोषित रहेगा, जब तक कि कोई हायर कोर्ट उसे उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों से बरी नहीं कर देता है.

लोकसभा अधिसूचना को रद्द करने का किया गया अनुरोध

याचिका में तर्क दिया गया है कि एक बार आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने और 2 साल कारावास की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी ने अपनी लोकसभा सदस्यता खो दी थी, इसलिए लोकसभा अध्यक्ष उनकी (राहुल) खोई हुई सदस्यता को वापस बहाल करने में सही नहीं थे. याचिका में अनुरोध किया गया है कि लोकसभा अधिसूचना को रद्द कर दिया जाए.

7 अगस्त को बहाल हुई थी राहुल गांधी की संसद सदस्यता

बता दें कि 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने 'मोदी सरनेम' वाले आपराधिक मानहानि मामले राहुल गांधी की दोषसिद्धि को निलंबित कर दिया था. मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 7 अगस्त को लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना के जारी करते हुए राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी थी.

क्या है पूरा मामला?

2019 में कर्नाटक के कोलार में दिए अपने एक बयान के चलते राहुल गांधी इस विवाद में फंसे. कोलार की जनसभा में उन्होंने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? इस पर बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानी का मामला दर्ज कराया था.

इसी साल मार्च में गुजरात के सूरत की अदालत ने मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए उन्हें दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. हालांकि, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें 30 दिन के भीतर अपील दायर करने के लिए जमानत दे दी थी, लेकिन उनकी दोषसिद्धि को निलंबित नहीं किया गया था और अगले ही दिन राहुल लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिए गए थे.

इसके बाद राहुल ने सूरत की सत्र अदालत में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देते हुए दो आवेदन दायर किए थे, एक सजा के निलंबन के लिए और दूसरा दोषसिद्धि के निलंबन के लिए. सत्र अदालत ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग करने वाली अर्जी खारिज कर दी थी, हालांकि अदालत ने उनकी अपील का निपटारा होने तक उन्हें जमानत दे दी थी.

सत्र अदालत के फैसले के खिलाफ राहुल ने हाई कोर्ट में एक आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने भी उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. आखिर में राहुल ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी.

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