Ganesh Chaturthi Celebrations: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बेंगलुरु के चमाराजपेट मैदान में गणेश चतुर्थी पूजा की अनुमति नहीं दी है. कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने जगह को अपनी संपत्ति बताते हुए कहा था कि वहां सालों से ईद की नमाज़ हो रही है. इसपर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ज़मीन में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए मामला वापस कर्नाटक हाई कोर्ट भेज दिया.


शीर्ष अदालत ने कहा कि पिछले 200 साल में ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी का ऐसा कोई समारोह आयोजित नहीं हुआ है. जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एम एम सुंदरेश की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने विशेष सुनवाई में कहा कि पूजा कहीं और की जाए.


पीठ ने कहा, ‘‘रिट याचिका हाई कोर्ट की एकल पीठ के सामने लंबित है और सुनवाई के लिए 23 सितंबर, 2022 की तारीख तय हुई है. सभी सवाल/विषय हाई कोर्ट में उठाए जा सकते हैं.’’


इससे पहले हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने मैदान में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, लेकिन डिवीजन बेंच ने सरकार को पूजा की अनुमति मांग रहे लोगों के आवेदन पर विचार करने को कहा था. इसके बाद राज्य सरकार ने 31 अगस्त और 1 सितंबर को पूजा की इजाज़त दे दी थी. अब यह पूजा नहीं होगी.


वक्फ बोर्ड का दावा
वक्फ बोर्ड ने याचिका में कहा था कि मैदान उसकी संपत्ति है. वहां 1964 से ईद की नमाज़ हो रही है. वहां पूजा से सांप्रदायिक तनाव हो सकता है. 


सरकार का दावा
वहीं हाई कोर्ट में राज्य सरकार ने मैदान पर वक्फ बोर्ड के दावे को विवादित बताया था. सरकार का कहना था कि उसे पूजा की अनुमति देने पर विचार करने से नहीं रोका जा सकता.


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