महाराष्ट्र SID की पूर्व प्रमुख रश्मि शुक्ला के खिलाफ मुंबई के कुलाबा पुलिस स्टेशन में अवैध रूप से फोन टैपिंग के आरोप में मामला दर्ज है. FIR के मुताबिक शुक्ला, जब SID की प्रमुख थीं, तब शिवसेना नेता और राज्यसभा के सांसद संजय राउत और NCP के बड़े नेता एकनाथ खडसे का फोन गैर कानूनी ढंग से टैप किया गया था. सूत्रों ने बताया की पुलिस को जांच के दौरान पता चला की संजय राउत का फोन 60 दिनो तक टैपिंग पर रखा गया था. वहीं राष्ट्रवादी कोंग्रेस पार्टी के नेता एकनाथ खडसे का फोन 67 दिनो तक टैपिंग पर रखा गया था.


सूत्रों में बताया की नियमो के मुताबिक अगर बहुत ज्यादा इमरजेंसी हो तो ऐसी स्थित में पहली बार 7 दिन और दूसरी बार ACS होम की इजाजत लेकर 60 दिनो या उससे ज्यादा या कम दिनो तक फोन टैप किया जा सकता है. मुंबई पुलिस का दावा है कि राउत का फोन टैप एक बार हुआ, जो कि करीब 60 दिनों तक के लिए टैपिंग पर रखा गया था. वहीं खडसे का फोन दो बार टैपिंग पर रखा गया था. पहली बार 7 दिनों के लिए और दूसरी बार 60 दिनों के लिए.


पुलिस सूत्रों ने बताया की मुंबई पुलिस ने उस समय के ACS होम एस कुमार का भी बयानदर्ज किया है. कुमार ने अपने बयान में बताया की उनके पास जो SID की तरह से फोन टेपिंग की रिक्वेस्ट आइ थी, उसमें एकनाथ खडसे और संजय राउत का नाम नही था. सूत्रों ने बताया की SID की तरफ से जो रिक्वेस्ट गई थी वो गलत नाम के साथ गई थी, ताकि किसी को भी ना पता चले की खडसे या राउत का फोन टैप किया जा रहा है. इस मामले में पुलिस ने अबतक 10 से ज़्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं


बता दें की मुंबई की क़ुलाबा पुलिस जो वरिष्ठ IPS अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ दर्ज कथित फोन टैपिंग मामले की जांच कर रही थी, पुलिस ने इस मामले में राउत और खडसे का बयान दर्ज किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की राउत इस मामले में विक्टिम हैं और उनका बयान दर्ज कर इस मामले को थोड़ा समझना चाह रही थी. क़ुलाबा पुलिस ने खडसे का बयान दर्ज किया. पुलिस ने खडसे को बताया की शुक्ला ने सिर्फ उनका ही फोन टैप नही किया बल्कि उनके असिस्टेंट और उनके करीबियों में से एक कार्यकर्ता का भी फोन टैप कराया था.


एक अधिकारी ने बताया की कई बार बड़े नेता व्यस्त होते हैं, तब ऐसी स्थिति में उनके असिस्टेंट को लोग फोन करते हैं. पुलिस को शक है की इन दोनो के फोन टैप कर इनके बीच क्या बातचीत हो रही है इसे जानने की कोशिश की गई थी. जिस तरह के आरोप हैं उसके मुताबिक महा विकास अघाडी (MVA) की सरकार बनाने से पहले राउत और खडसे का दो-दो बार फोन टैप किया गया है. इसी बात की जांच क़ुलाबा पुलिस कर रही है. जांच के दौरान पुलिस ने रश्मि शुक्ला का बयान दो बार दर्ज किया. जांच अधिकारियों का आरोप है कि शुक्ला जांच में सहयोग नही कर रही थीं और आवश्यकता लगने पर उन्हें फिर से उनका बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया जा सकता है.


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